"धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)": अवतरणों में अंतर

"लङ्" लकार की जगह "लङ्ग" लिखा हुआ था। वह सही कर दिया।
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
कई जगह ङ् के स्थान पर ङ्ग् लिखा था। उसे सही कर दिया।
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 191:
जहाँ आज के भूतकाल की बात कही जाए वहाँ लङ् लकार का प्रयोग नहीं करना।
{| class="wikitable"
|+७. विधिलिङ्ग्विधिलिङ् लकार (चाहिए के अर्थ में, Potential Mood)
!पुरुष
!एकवचन
पंक्ति 214:
जिसके द्वारा किसी बात का विधान किया जाता है उसे विधि कहते हैं। जैसे – ‘स्वर्गकामः यजेत्’ स्वर्ग की कामना वाला यज्ञ करे। यहाँ यज्ञ करने का विधान किया गया है अतः यज् (यजन करना) धातु में विधिलिङ् लकार का प्रयोग किया गया। जहाँ किसी बात की सम्भावना की जाए वहाँ भी विधिलिङ् लकार का प्रयोग होता है, जैसे – ” अद्य वर्षः भवेत् ” सम्भव है आज वर्षा हो। योग्यता बतलाने के अर्थ में भी विधिलिङ् लकार का प्रयोग होता है। जैसे – “भवान् पारितोषिकं लभेत् ” – आप पुरस्कार पाने योग्य हैं। आमन्त्रित, निमन्त्रित करने के अर्थ में भी इसका प्रयोग किया जाता है, जैसे -” भवान् अद्य मम गृहम् आगच्छेत्” आज आप मेरे घर आयें। इच्छा, कामना करने के अर्थ में भी इसका प्रयोग किया जाता है, जैसे – “भवान् शीघ्रं स्वस्थः भवेत्” आप शीघ्र स्वस्थ हों। आज्ञा के अर्थ में भी विधिलिङ् लकार का प्रयोग किया जाता है।
{| class="wikitable"
|+८. आशीर्लिन्गआशीर्लिङ् लकार (आशीर्वाद देना, Benedictive Mood)
!पुरुष
!एकवचन
पंक्ति 237:
इस लकार का प्रयोग केवल आशीर्वाद अर्थ में ही होता है। महामुनि पाणिनि जी ने सूत्र लिखा है – “आशिषि लिङ्लोटौ।३।३।१७२॥” अर्थात् आशीर्वाद अर्थ में आशीर्लिङ् लकार और लोट् लकार का प्रयोग करते हैं। जैसे – सः चिरञ्जीवी भूयात् = वह चिरञ्जीवी हो।
{| class="wikitable"
|+९. लुङ्ग्लुङ् लकार (सामान्य भूतकाल, Perfect Tense)
!पुरुष
!एकवचन
पंक्ति 260:
‘सामान्य भूतकाल’ का अर्थ है कि जब भूतकाल के साथ ‘कल’ ‘परसों’ आदि विशेषण न लगे हों। बोलने वाला व्यक्ति चाहे अपना अनुभव बता रहा हो अथवा किसी अन्य व्यक्ति का, अभी बीते हुए का वर्णन हो या पहले बीते हुए का, सभी जगह लुङ् लकार का ही प्रयोग करना है। ‘आज गया’ , ‘आज पढ़ा’ , ‘आज हुआ’ आदि अद्यतन (आज वाले) भूतकाल के लिए भी लुङ् लकार का ही प्रयोग करना है, लङ् या लिट् का नहीं।
{| class="wikitable"
|+१०. ऌङ्ग्ऌङ् लकार (हेतुहेतुमद्भूत, Conditional Mood)
!पुरुष
!एकवचन