"सुरेश रैना": अवतरणों में अंतर

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२०१० में भारत को दक्षिण अफ्रीका के दौरे में, रैना दूसरे टेस्ट के लिए टीम में बुलाया गया था, लेकिन अंतिम एकादश में नहीं चुना गया था। उन्हे भारतीय टीम की कप्तानी जिम्बाब्वे में श्रीलंका और जिम्बाब्वे के खिलाफ त्रिकोणीय श्रृंखला में की जब अन्य सभी पहली पसंद खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से विश्राम किया था। अपनी कप्तानी में पहला मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ छह विकेट से हार गए, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच जीत लिया। फिर शेष दो मैच गंवाए और फाइनल में जगह नहीं बनाई। वह अब तक क्रिकेट के सभी प्रारूपों में शतक बनाने वाले भारत से एकमात्र बल्लेबाज है।
2011 में [https://www.top5cricket.com/2020/09/cricket-memories-top-5-best-odi-innings-of-suresh-raina.html?m=1 लॉर्डस में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय] श्रृंखला के चौथे मैच में सुरेश रैना ने 75 गेंदों पर 84 रन बनाए। इस इस दौरान रैना ने सात चौके तथा दो छक्के लगाए। इसके साथ ही कप्तान धोनी ने भी 71 गेंदों पर 78 रनों की शानदार पारी खेली। इनके दम पर भारतीय टीम ने 280/5 रन का स्कोर बनाया।
 
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम की ओर से रवि बोपारा ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को लक्ष्य की तरफ अग्रसर किया। इंग्लैंड की टीम ने 48.5 ओवर में 8 विकेट खोकर 270 रन बना लिए थे। वही अचानक बारिश आ जाने के कारण मैच दोबारा शुरू नहीं हो सका और डकवर्थ लुईस नियम के तहत यह मैच टाई रहा। बोपारा तथा रैना को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। इस पारी के बाद रैना मध्यक्रम में अपनी जगह पक्की कर चुके थे। इंग्लैंड में खेलना बाकी बल्लेबाज चुनौती मानते हैं लेकिन रैना ने इंग्लैंड में काफी [https://www.top5cricket.com/2020/09/cricket-memories-top-5-best-odi-innings-of-suresh-raina.html?m=1 अच्छा प्रदर्शन] किया।