"रसखान": अवतरणों में अंतर

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छो 1533 से 1558 के बीच कभी हुआ था। कई विद्वानों के अनुसार इनका जन्म सन् 1590 ई. में हुआ था। चूँकि अकबर का राज्यकाल 1556-1605 है, ये लगभग अकबर के समकालीन हैं।
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[[File:raskhan.jpg|200px|thumb|right|रसखान]]
'''रसखान''' (जन्म: १५४८1548 ई) [[कृष्ण]] भक्त [[मुसलमान|मुस्लिम]] कवि थे। <ref>{{Cite web|url=https://www.amarujala.com/kavya/kavya-charcha/most-popular-raskhan-poem|title=रसखान के इन सवैयों में झलक रही है|last=|first=|date=|website=अमर उजाला|archive-url=https://web.archive.org/web/20190321145510/https://www.amarujala.com/kavya/kavya-charcha/most-popular-raskhan-poem|archive-date=21 मार्च 2019|dead-url=|access-date=|url-status=live}}</ref>उनका जन्म [[पिहानी]], [[भारत]] में हुआ था। [[हिन्दी]] के कृष्ण भक्त तथा [[रीति काल|रीतिकालीन]] रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे [[विट्ठलनाथ]] के शिष्य थे एवं [[पुष्टिमार्ग|वल्लभ संप्रदाय]] के सदस्य थे। रसखान को 'रस की खान' कहा गया है। इनके काव्य में [[भक्ति]], [[शृंगार रस]] दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त हैं और उनके सगुण और निर्गुण निराकार रूप दोनों के प्रति श्रद्धावनत हैं। रसखान के सगुण कृष्ण वे सारी लीलाएं करते हैं, जो कृष्ण लीला में प्रचलित रही हैं। यथा- बाललीला, रासलीला, फागलीला, कुंजलीला, प्रेम वाटिका, सुजान रसखान आदि। उन्होंने अपने काव्य की सीमित परिधि में इन असीमित लीलाओं को बखूबी बाँधा है। [[मथुरा]] जिले में महाबन में इनकी समाधि हैं|
[[File:Tomb of Raskhan at Mahaban.jpg|thumb|300px|महाकवि रसखान की महाबन (जिला [[मथुरा]]) में स्थित समाधि]]
[[File:महाकवि रसखान की महाबन (जिला मथुरा) में स्थित समाधि (2).jpg|thumb|300px|समाधि]]
[[भारतेन्दु हरिश्चंद्र|भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] ने जिन मुस्लिम हरिभक्तों के लिये कहा था, "इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दू वारिए" उनमें रसखान का नाम सर्वोपरि है। [[बोधा]] और [[आलम]] भी इसी परम्परा में आते हैं। सय्यद इब्राहीम "रसखान" का जन्म अन्तर्जाल पर उपलब्ध स्रोतों के अनुसार सन् १५३३1533 से १५५८1558 के बीच कभी हुआ था। कई विद्वानों के अनुसार इनका जन्म सन् १५९०1590 ई. में हुआ था। चूँकि [[अकबर]] का राज्यकाल १५५६1556-१६०५1605 है, ये लगभग अकबर के समकालीन हैं। इनका जन्म स्थान पिहानी जो कुछ लोगों के मतानुसार [[दिल्ली]] के समीप है। कुछ और लोगों के मतानुसार यह पिहानी उत्तरप्रदेश के [[हरदोई जिला|हरदोई जिले]] में है।माना जाता है की इनकी मृत्यु 1628 में वृन्दावन में हुई थी । यह भी बताया जाता है कि रसखान ने [[भागवत पुराण|भागवत]] का अनुवाद [[फ़ारसी भाषा|फारसी और हिंदी]] में किया है।
 
== परिचय ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रसखान" से प्राप्त