"राजसमन्द जिला": अवतरणों में अंतर

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== दर्शनीय स्थल ==
# श्रीनाथ जी मन्दिंर- राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 8 पर नाथद्वारा में वल्लभ सम्प्रदाय (पुष्टिमार्गीय) का मन्दिर
# श्री द्वारीकानाथ जी मन्दिंर कांकरोली
# राजसमन्द झील
# राजसमन्द झील- 1662 में महाराणा राजसिंह द्वारा निर्मित | इस पाल पर 25 शिलालेखों पर मेवाड का इतिहास (राजप्रशस्ती) संस्कृत भाषा में अंकित है |
# कुम्भलगढ
# कुम्भलगढ- मेवाड़ व मारवाड़ की सीमा पर सादड़ी गांव के समीप अरावली पर्वतमाला पर महाराणा कुंभा द्वारा सन 1448ई.-1458ई. में निर्मित दुर्ग, जिसका प्रमुख शिल्पी मंडल था| दुर्ग के भीतर कुंभा का निवास स्थान 'कटारगढ़' हैं| हल्दीघाटी के युद्ध के बाद प्रताप ने इसे अपनी राजधानी बनाया था| कुंभलगढ़ दुर्ग महाराणा प्रताप का जन्म स्थल है|
# हल्दीघाटी
# हल्दीघाटी- इस स्थान पर 18 जून 1576 को प्रताप व अकबर की सेनाओं में भयंकर युद्ध हुआ, यह युुुद्ध अनिर्णायक रहा| इस युद्ध स्थल को रक्त तलाई के नाम से भी जाना जाता है| इस युद्ध को कर्नल जेम्स टॉड ने ‘मेवाड़ का थर्मोपोली’ कहा है| हल्दीघाटी के निकट बादशाही बाग के मैदानों में चेैत्री गुलाब की वृहद पैमाने पर खेती की जाती है| यहां का गुलाबजल, शर्बत व गुलकंद सुविख्यात है| रक्त तलाई में ग्वालियर के तँवर नरेश की छतरियां, हकीम खां सूरी की मजार तथा झाला मन्ना की छतरी है|
# चारभुजा नाथ जी गढ़बोर
# नौचौकी पाल
#श्रीरुपनारायण जी मन्दिंर सेव‌ंत्री
# श्री कुंतेश्वर महादेव फरारा
#पिप्पलाद माता का मन्दिर उनवास
 
== तहसीलें ==
# [[आमेट]]
# [[भीम]]
# [[देवगढ़]]
# [[कुम्भलगढ़]]
# [[नाथद्वारा]]
# [[रेलमगरा]]
# [[राजसमन्द]]
# [[खमनोरभीम]]
# [[देवगढ़]]
# [[कुम्भलगढ]]
# [[रेलमगरा ]]
# [[आमेट]]
# [[गढ़बोर]]
# [[कुंवारियां]]