"सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८": अवतरणों में अंतर
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==सिविल प्रक्रिया==
सिविल प्रक्रिया, आपराधिक प्रक्रिया की अपेक्षा थोड़ी कठिन होती है। इस संहिता के अनुसार व्यवस्थित प्रक्रिया दी गई है कि कोई भी मुकदमा किस प्रकार प्रारम्भ होकर समाप्ति तक जाएगा।
आज के युग में हर व्यक्ति को [[सम्पति]] का लेन-देन, शादी-विवाह, व्यापार-व्यवसाय , निर्माण के कार्य करते समय कभी- कभी कानूनी कठिनाइयाँ पैदा होतीं हैं। उनके निवारण हेतु न्यायलय विशिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति को उपचार प्रदान करते हैं। इसी प्रक्रिया को सिविल प्रक्रिया संहिता में शामिल किया गया है। इसमें 158 धाराएँ एवं 51 आदेश सम्मलित किये गये हैं।
प्रक्रिया विधि में मात्र अधिकारों का विनिश्चय करना ही काफी नहीं है बल्कि इन अधिकारों का प्रवर्तन सुनिश्चित किया जाना भी आवश्यक है। सिविल प्रक्रिया संहिता इसी उद्देश्य से पारित की गई है।
===वाद पत्र एवं वाद के पक्षकार (आदेश 1)===
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==संशोधन==
*(१) सन
*(२) सन
*(३) सन
*(
*(५) सन २०१८ में
==इन्हें भी देखें==
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