"त्रिभुज के अन्तर्वृत्त और बहिर्वृत्त": अवतरणों में अंतर

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==अन्तर्वृत्त==
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त्रिभुज का अन्तःवृत्त तीनों भुजाओं को स्पर्श करता है, अतः अन्तःकेंद्र की तीनों भुजाओं से लम्बवत दूरी भी समान होगी। यही तथ्य हाथ से अन्तःकेन्द्र निकालने के लिए उपयोग में लाया जाता है। किन्हीं दो कोणों का अर्धक खींचा जाता है और वे जहाँ काटते हैं वही इस त्रिभुज का अन्तःकेन्द्र होगा। यदि तीसरे कोण का भी अर्धक खींचा जाय तो वह भी पहले के दो अर्धकों के कटान-बिन्दु से होकर जाएगा। इस बिन्दु (अन्तःकेन्द्र) से किसी भी भुजा पर लम्बवत रेखा खींचते हैं, यह लम्ब उस भुजा को जहाँ काटता है वहाँ से अन्तःकेन्द्र की दूरी ही अन्तःत्रिजा है।