"प्यार": अवतरणों में अंतर
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प्रेम समाप्त होने के सात चरण पहला एक दूसरे के विचार व कार्यो को पसंद ना करना दूसरा झगड़े तीसरा नफ़रत करना चौथा एक दूसरे से दूरी बनना पंचवा संबंध खत्म करने के लिए विचार करना छठवां अलग होने के लिए प्रयत्न करना सातवाँ अलग हो जाना ।
प्रेमी व प्रेमिका या के प्रेम करने व अलग होने की मनोस्थित एक समान है । प्यार किसी से सोच समझ कर नहीं किया जाता प्यार तो बस ऐसे ही हो जाता है, सच्चे प्यार की वैसे तो अलग-अलग परिभाषाएं हो सकती हैं, या यूं कहें की प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती, लेकिन साधारण शब्दों में कहा जाए तो [https://www.technofriendajay.in/2019/06/what-is-true-love-how-to-recognize-true.html सच्चे प्यार] में स्वार्थ का कोई स्थान नहीं होता
परन्तु कुछ [[विवाह]] जुड़े अलग नहीं हो सकते है क्योंकि उनकी [[आत्मा]] ही एक है जो भीतर से एक है वे बाहर से अलग हो ही नहीं सकते है ।
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