"सूरदास": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
→रचनाएँ: Last sentence was abusive and unnecessary टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 42:
* सूरसागर का मुख्य वर्ण्य विषय श्री कृष्ण की लीलाओं का गान रहा है।
* सूरसारावली में कवि ने जिन कृष्ण विषयक कथात्मक और सेवा परक पदों का गान किया उन्ही के सार रूप में उन्होंने सारावली की रचना की है।
* सहित्यलहरी मैं सूर के दृष्टिकूट पद संकलित हैं।
==सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ ==
|