"ऋचा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) छो 2409:4043:2496:B7DD:6425:4E7D:2AA7:43C8 (Talk) के संपादनों को हटाकर QueerEcofeminist के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
वेद के मन्त्रों (श्लोकों) को पद्य में रच कर उनकी शोभा बधाई जाती है। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=मार्च 2017}}
{{आधार}}
पद्य में रचे हुए [[वेद]] के श्लोकों ([[मन्त्र|मंत्रों]]) को '''ऋचा''' कहते हैं। 'ऋचा' की [[व्युत्पत्तिशास्त्र|व्युत्पत्ति]] 'ऋक्' से हुई है जिसका अर्थ 'प्रशंसा करना' है।
[[श्रेणी:वेद]]
|