"ऋचा": अवतरणों में अंतर

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वेद के मन्त्रों (श्लोकों) को पद्य में रच कर उनकी शोभा बधाई जाती है।
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पद्य में रचे हुए [[वेद]] के श्लोकों ([[मन्त्र|मंत्रों]]) को '''ऋचा''' कहते हैं। 'ऋचा' की [[व्युत्पत्तिशास्त्र|व्युत्पत्ति]] 'ऋक्' से हुई है जिसका अर्थ 'प्रशंसा करना' है।
 
[[श्रेणी:वेद]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ऋचा" से प्राप्त