"सूरदास": अवतरणों में अंतर

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* सूरसागर का मुख्य वर्ण्य विषय श्री कृष्ण की लीलाओं का गान रहा है।
* सूरसारावली में कवि ने जिन कृष्ण विषयक कथात्मक और सेवा परक पदों का गान किया उन्ही के सार रूप में उन्होंने सारावली की रचना की है।
* सहित्यलहरी मैं सूर के दृष्टिकूट पद संकलित हैं। अबे गलत है ये सब
 
==सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ ==