"मालवा": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
मालव (माली ) जाति का उल्लेख सर्वप्रथम ई. पू. चौथी सदी में मिलता है, जब यह जाति सिकंदर से युद्ध में पराजित हुई थी। ये मालव प्रारंभ में [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] तथा [[राजपुताना|राजपूताना]] क्षेत्रों के निवासी थी, लेकिन सिकंदर से पराजित होकर वे [[अवन्ति]] (वर्तमान [[उज्जैन]]) व उसके आस-पास के क्षेत्रों में बस गये
। उन्होंने आकर (दशार्ण) तथा अवन्ति को अपनी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनाया। दशार्ण की राजधानी [[विदिशा]] थी तथा अवन्ति की राजधानी उज्जयिनी थी। कालांतर में यही दोनों प्रदेश मिलकर मालवा कहलाये। इस प्रकार एक भौगोलिक घटक के रूप में 'मालवा' का नाम लगभग प्रथम ईस्वी सदी में मिलता है। मालवा पर करिब 547 वर्षो तक [[भील]] राजाओ का शासन रहा,जिनमें [[राजा धन्ना भील]] प्रमुख रहे ।<ref>{{cite https://hindi.indiawaterportal.org/node/50009}}</ref>। राजा धन्ना भील के ही एक उत्तराधिकारी ने 730 ईसा पूर्व में दिल्ली के सम्राट को चुनौती दी थी , इस प्रकार मालवा उस समय एक शक्तिशाली साम्राज्य था <ref>{{https://www.google.com/url?sa=t&source=web&rct=j&url=http://shodhganga.inflibnet.ac.in}}</ref>।
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