"पॉलीमर": अवतरणों में अंतर

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* दूसरे प्रकार के पॉलीमर में रैखिक श्रृंखलायें भी आपस में रासायनिक बन्धों से जुड़ी होतीं हैं, अतः इन्हें पिघलाना तथा विक्षेपित करना काफ़ी कठिन होता है। साथ ही ये अधिकतर द्रवों में अविलेय होते है।
 
बहुलक पदार्थों के नामकरण की कई पद्धतियां हैं। बहुत से सामान्य प्रयोग की वस्तुओं में प्रयुक्त बहुलकों को उनके सामान्य प्रचलित नामों से ही बुलाते हैं ये नाम किसी व्यक्ति या ऐतिहासिक घटना विशेष पर आधारित हो सकते हैं, बजाय कोई मानक तरीके के। अमरीकी केमिकल सोसायटी<ref>CAS: Index Guide, Appendix IV (© 1998). </ref> और [[आईयूपीएसी]] <ref>IUPAC. "Nomenclatureनॉमेन्क्लेचर ofऑफ Regularरेग्युलर Singleसिंगल-Strandस्ट्रैन्डेड Organicऑर्गैनिक Polymersपॉलीमर्स". Pureप्यूअर Appl.एप्लाइड Chemकेमिस्ट्री [[१९७६]]।पृ. 1976४८, 48, 373३७३-385. ३८५</ref> ने इनके नामकरण के तरीके बताये हैं, जो काफ़ी कुछ मिलते जुलते हैं, किन्तु समान नहीं हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.polyacs.org/nomcl/mnn18.html|title=मैक्रोमॉलीक्यूलर नोमैनक्लेचर नोट.स>१८<!-- Bot generated title -->}}</ref> भिन्न नामकरण पद्धतियों के बीच अंतर को नीचे दिखाया गया है:
 
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[[Image:polyethene monomer.png]]
पॉलीमर के अध्ययन को बहुलक विज्ञान या पॉलीमर तकनीक कहते हैं। बहुत से महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में इसके पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।<ref>[http://www.du.ac.in/hindi/course_details.html?department_id=%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%95+%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A8&coursename=%E0%A4%AA%E0%A5%89%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%B0+%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%95+%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82+%E0%A4%8F%E0%A4%AE.%E0%A4%88.&course_id=389 पॉलीमर तकनीक कोर्स]- [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के पाठ्यक्रम में।</ref> बहुत से बहुलक बायोडीग्रेडेबल नहीं होते, जैसे पॉलीथीन, इसीलिए इसका प्रयोग निषेध होता जा रहा है। इसके लिए बहुत से विकल्प खोजे जा रहे हैं। इसी के रूप में मक्का का बहुलक कॉर्न पॉलीमर भी निकाला गया है। यह पूर्णतया बायोडीग्रेडेबल होगा<ref>[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/himachalpradesh/4_11_5650712.html प्लास्टिक का विकल्प है बायो पॉलीमर :पॉलीमरः शर्मा]। याहू जागरण। [[२४ जुलाई]], [[२००९]]</ref><ref>[http://article.wn.com/view/WNATf2d66e882a85856381985760b77e81d1/ प्लास्टिक का विकल्प:बायोपॉलीमर।वर्ल्डबायोपॉलीमर]।वर्ल्ड न्यूज़।[[२५ जुलाई]], [[२००९]]</ref> जिसके कारण इससे बनने वाला पॉलीथीन जमीन में गाड़ दिए जाने के सिर्फ दस दिन में कॉम्पोस्ट में बदल जाता है और कूड़े के ढेर में रहने पर भी यह पॉलीथीन ९० दिन की अवधि में कॉम्पोस्ट बन जाता है। इसके साथ ही कॉर्न पॉलीमर की कीमत में भी पॉलीथीन की कीमत से कोई बड़ा अंतर नहीं है।<ref>[http://www.businessbhaskar.com/2009/03/06/0903060304_corn_polymer_is_best_substitute_of_plastic_bags.html पॉलीथीन का अच्छा विकल्प कॉर्न पॉलीमर]। बिज़नेस भास्कर। [[६ मार्च]], [[२००९]]।कमल जोशी।चंडीगढ़</ref> नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिए पहली बार पॉलीमर नोट ऑस्ट्रेलिया में पेश किए गए थे। ऑस्ट्रेलिया के अलावा न्यूजीलैंड, पापुआ न्यूगिनी, रोमानिया, बरमुडा, ब्रूनेई और वियतनाम में भी पॉलीमर नोट प्रचलन में हैं। [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] भी पॉलीमर के नोट निकालने की योजना बना रहा है। ऐसे नोट पानी में नहीं गलेंगे, न ही मुड़ने तुड़ने और फटने का डर ही है।<ref>[http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4987379.cms रिजर्व बैंक जारी करेगा 10 रुपए के नॊट]।इकोनॉमिक टाइम्स। [[९ सितंबर]], [[२००९]]</ref>
==इन्हें भी देखें==
* [[मोनोमर]]