"राधेश्याम कथावाचक": अवतरणों में अंतर

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पारसी शैली के हिंदी नाटककारों में प्रमुख राधेश्याम कथावाचक का जन्म [[1890]] इ. में [[उत्तर -प्रदेश]] राज्य के [[बरेली]] में हुआ। [[अल्फ्रेड कंपनी]] से जुड़कर इन्होंने [[वीर अभिमन्यु]], [[भक्त प्रहलाद]], [[श्रीकृष्णावतार,]] आदि अनेक नाटक लिखे। पर सामान्य जनता में इनकी ख्याति राम कथा की एक विशिष्ट शैली के कारण फैली।षफैली। लोक नाट्य शैली को आधार बनाकर [[खड़ी बोली]] में इन्होंने [[रामायण]] की कथा को कइ खंड में पद्यबद्ध किया। इसे [[राधेश्याम रामायण]] के रूप में जाना जाता है। यह उत्तरप्रदेश में होने वाली रामलीलाओं का आधार प्रंथग्रंथ बन गई।
 
==सहायक पुस्तकें==
[[हिंदी साहित्य कोष]]
 
[[श्रेणी:हिंदी नाटककार]]