"हज": अवतरणों में अंतर
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7 वीं शताब्दी से हज [[इस्लाम के पैगम्बर |इस्लामी पैगंबर]] [[मुहम्मद]] के जीवन के साथ जुड़ा हुआ है,<ref>{{cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/international-45239046|title=हज से पहले काबा में होती थी कई ईश्वरों की पूजा|access-date=19 अगस्त 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180819160322/https://www.bbc.com/hindi/international-45239046|archive-date=19 अगस्त 2018|url-status=live}}</ref> लेकिन मुसलमान मानते हैं कि मक्का की तीर्थयात्रा की यह रस्म हजारों सालों से यानि कि [[इब्राहीम]] के समय से चली आ रही है। तीर्थयात्री उन लाखों लोगों के जुलूस में शामिल होते हैं जो एक साथ हज के सप्ताह में मक्का में जमा होते हैं और यहं पर कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं: प्रत्येक व्यक्ति एक घनाकार इमारत [[काबा]] के चारों ओर वामावर्त सात बार चलता है जो कि मुस्लिमों के लिए प्रार्थना की दिशा है, [[अल सफा]] और [[अल मारवाह]] नामक पहाड़ियों के बीच आगे और पीछे चलता है, [[ज़मज़म का कुआं |ज़मज़म के कुएं]] से पानी पीता है, चौकसी में खड़ा होने के लिए [[अराफात पर्वत]] के मैदानों में जाता है और एक [[शैतान को पत्थर मारना| शैतान को पत्थर मारने]] की रस्म पूरा करने के लिए पत्थर फेंकता है। उसके बाद तीर्थयात्री अपने सर मुंडवाते हैं, पशु बलि की रस्म करते हैं और इसके बाद [[ईद उल-अधा]] नामक तीन दिवसीय वैश्विक उत्सव मनाते हैं।<ref name=armstrong>{{cite book|pages=[https://archive.org/details/islamshorthistor0000arms/page/10 10]–12|title=Islam: A Short History|url=https://archive.org/details/islamshorthistor0000arms|author=Karen Armstrong|isbn=0-8129-6618-X|date=2000,2002}}</ref><ref name=ngeo/><ref name="bbc.co.uk">{{cite web|url=http://www.bbc.co.uk/religion/religions/islam/holydays/eiduladha.shtml|title=BBC - Religion & Ethics - Eid el Adha|accessdate=दिसम्बर 2007, December 30, 2012|archive-url=https://www.webcitation.org/6FsSP5M6S?url=http://www.bbc.co.uk/religion/religions/islam/holydays/eiduladha.shtml|archive-date=14 अप्रैल 2013|url-status=live}}</ref>
8. [https://muslmanehind.com/zil-hajj-ke-pahle-10-dino-ki-fazilat/ Zil Hajj के पहले 10 दिनों की फ़जीलत सुनकर आप हैरान रह जाएंगे]
== सन्दर्भ ==▼
जिल हिज्ज् के पहले 10 दिनों की फजीलत कैसे होती है और आप लोगो को उस 10 दिनों में क्या क्या करना चाहिए। अल्लाह के न बी स ल्लल्लाहु अलैहि वसल्ल म ने फरमाया है कि किसी भी दिन किया गया अमल अल्लाह त आला को इन 10 दिनों में किए गए अमल से ज्यादा महबूब नही जो इन दस दिनों में अमल किए जाते है। इन दिनों में कोई भी मुसलमान जो भी काम को करता है वो बढ़िया माने जाते है।
इन दिनों में ने की का सवाब 1 दिन के मुकाबले बढ़ जाता है। कोई भी दिन अल्लाह तआला के लिए इन 10 दिनों से ज्यादा अच्छा नही है औरत ही किसी दिन का अमल। बस आपको अल्लाह तआला के बताए गए रास्ते पर चलने की जरूरत है। इसलिए इन 10 दिनों की प्लानिंग आप पहले से ही करके रख ले ताकि आपके यह 10 दिन बेहतरीन तरीके से गुजरे इन दस दिनों में किए जाने वाले काम की लिस्ट बनाकर आप कही भी चिप का दे।
ताकि आपको पता रहे कि हमे क्या क्या करना है और आप भूल न जाओ। इन दस दिनों में आपको नेकी के काम और नमाज पढ़े। इन 10 दिनों में जो भी 9 दिन के रमजान रखते है उनके 2 साल तक के गुनाह माफ हो जाते है।एक तो आने वाला साल और एक बीते साल का। अल्लाह के नबी इन दिनों के रो’जे रखा करते थे।
अगर आपके रोजे कजा है तो आप क जा की नियत करके रो जे र ख सकते है। इन दिनों में कुरान की तिलावत का सवाब और दिनो के मुकाबले ज्यादा मिलता है इन दिनो मे ज्यादा से ज्यादा ने की , नमाज, रोजे और कुरान की तिलावत करने की कोशिश करे।
<ref name="">https://muslmanehind.com/zil-hajj-ke-pahle-10-dino-ki-fazilat/
▲</ref>== सन्दर्भ ==
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