"विश्वामित्र": अवतरणों में अंतर
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विश्वामित्र की बात सुन कर सब देवताओं ने वशिष्ठ जी का पास जाकर उन्हें सारा वृत्तान्त सुनाया। उनकी तपस्या की कथा सुनकर वशिष्ठ जी विश्वामित्र के पास पहुँचे और उन्हें अपने हृदय से लगा कर बोले कि विश्वामित्र जी! आप वास्तव में ब्रह्मर्षि हैं। मैं आज से आपको ब्राह्मण स्वीकार करता हूँ।
== स्रोत ==
वाल्मीकि रामायण में विश्वामित्र का यज्ञ
{{श्री राम चरित मानस}}
{{हिन्दू-पुराण-आधार}}
{{ऋषि}}{{ऋग्वेद}}
[[श्रेणी:ऋषि मुनि]]
[[श्रेणी:रामायण के पात्र]]
[[श्रेणी:ऋग्वेद]]
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