"बलिया": अवतरणों में अंतर
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== आसपास के स्थल ==
एक वार्षिक मेले के [[ददरी मेला (बलिया)|ददरी मेला]], एक मैदान पर शहर की पूर्वी सीमा पर गंगा और सरयू नदियों के संगम पर मनाया जाता है। [[मऊ (बहुविकल्पी)|मऊ]], [[आज़मगढ़|आजमगढ़]], [[देवरिया]], [[ग़ाज़ीपुर|गाजीपुर]] और [[वाराणसी]] के रूप में पास के जिलों के साथ नियमित संपर्क में रेल और सड़क के माध्यम से मौजूद है। रसड़ा यहाँ से ३५ किलोमीटर पश्चिम में स्थित एक क़स्बा है। यहाँ नाथ बाबा का मंदिर है जो स्थानीय सेंगर राजपूतों के देवता हैं। इसके अलावा यहाँ दरगाह हज़रत रोशन शाह बाबा, दरगाह हज़रत सैयद बाबा और लखनेसर डीह के प्राचीन अवशेष दर्शनीय स्थल हैं। नरही थाना क्षेत्र में बाबू राय बाबा का मंदिर है। जो कि नरही वाशियों की लोकप्रिय देवताओं ने से एक माने जाते हैं
यहाँ ग्राम नरही मे पूरब तरफ टेढ़वा के मठिया के समीप सुप्रसिद्ध श्री भीम ब्रम्ह बाबा का मंदिर स्थिति है, जिनकी ख्याति दूर दूर तक फैली है, का निर्माण मठिया के निवासी श्री कन्हैया यादव ने ही जनसहयोग से कराया था। इस ग्राम के कुछ दुरी पर सेंदुरिया ग्राम है जहां एक प्रसिध्द श्री खेती ब्रहम बाबा का मन्दिर है जहां ऐसा मान्यता है कि साप के काटने के बाद यहाँ आने पर लोग पुरी तरह से ठीक हो जाते हैं!
== उल्लेखनीय व्यक्तित्व ==
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