"नर्क चतुर्दशी": अवतरणों में अंतर

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{{ज्ञानसन्दूक त्योहार
 
| त्योहार_के_नाम = नर्क चतुर्दशी
|चित्र = Krishna Narakasura.jpg
|शीर्षक = [[कृष्ण]] और [[सत्यभामा]] नरकासुर मर्दन करते हुए- चित्रांकन
|आधिकारिक_नाम = नर्क चतुर्दशी व्रत
|अन्य नाम =
|अनुयायी = [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[भारतीय]], भारतीय प्रवासी
|उद्देश्य =
|आरम्भ =
|तिथि = कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी
|दीर्घ-प्रकार =
|तारीख़ =
|तिथि२००६ =
|तिथि२००७ =
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यह त्यौहार '''नरक चौदस''' या '''नर्क चतुर्दशी''' या '''नर्का पूजा''' के नाम से भी प्रसिद्ध है।
मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं।