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[[चित्र:Bateliers sur la rivière Son, Umaria district, MP, Inde.jpg|thumb|290px|सोन नदी]]
'''सोन नदी''' [[भारत]] के मध्य भाग में बहने वाली एक नदी है। इसे सोनभद्र शिला के नाम से भी जाना जाता है। यमुना के बाद यह [[गंगा नदी]] की दक्षिणी [[उपनदियों]] में सबसे बड़ी है। यह [[मध्य प्रदेश]] के [[अनूपपुर ज़िले]] में [[अमरकंटक]] के पास उत्पन्न होती है, जो [[विंध्याचल पहाड़ियों]] में [[नर्मदा नदी]] के स्रोतस्थल से पूर्व में स्थित है। यह [[उत्तर प्रदेश]] और [[झारखंड]] राज्यों से गुज़रकर [[बिहार]] के [[पटना ज़िले]] में [[गंगा नदी]] में विलय हो जाती है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=X6XNCwAAQBAJ Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20190703183559/https://books.google.com/books?id=X6XNCwAAQBAJ |date=3 जुलाई 2019 }}," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=u6VB9_CrsfoC Tourism in the Economy of Madhya Pradesh]," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=qzUqk7TWF4wC Uttar Pradesh in Statistics]," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20170423083533/https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC |date=23 अप्रैल 2017 }}," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975</ref>Manish Kumar kushwaha 🙏🥀🥀🥀♈😊 t
 
== परिचय ==
यह म.प्र. की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का नाम सोन पड़ा क्योंकि इस नदी के [[बालू]] (रेत) पीले रंग के हैँ जो सोने कि तरह चमकते हैँ। इस नदी के रेत भवन निर्माण आदी के लिए बहुत उपयोगी हैं यह रेत पूरे बिहार शहडोल, रीवा में भवन निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है तथा यह रेत उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में अवि राठौड़ द्वारा भी निर्यात किया जाता है। सोन नदी का उल्लेख रामायण आदि पुराणो में आता है ।
 
[https://psenpat.blogspot.com/2020/08/Ganaga-River-Hindi.html गंगा नदी] की सहायक नदियों में सोन का प्रमुख स्थान है। इसका पुराना नाम संभवत: 'सोहन' था जो पीछे बिगड़कर सोन बन गया। यह नदी मध्यप्रदेश के [[अमरकंटक]] नामक पहाड़ से निकलकर 350 मील का चक्कर काटती हुई [[पटना]] से पश्चिम गंगा में मिलती है। इस नदी का पानी मीठा, निर्मल और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसके तटों पर अनेक प्राकृतिक दृश्य बड़े मनोरम हैं। अनेक फारसी, उर्दू और हिंदी कवियों ने नदी और नदी के जल का वर्णन किया है। इस नदी में [[डेहरी आन सोन|डिहरी-आन-सोन]] पर [[बाँध]] बाँधकर 296 मील लंबी नहर निकाली गई है जिसके जल से शाहाबाद, गया और पटना जिलों के लगभग सात लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। यह बाँध 1874 ई. में तैयार हो गया था। इस नदी पर ही एक लंबा पुल, लगभग 3 मील लंबा, डिहरी-ऑन-सोन पर बना हुआ है।
 
दूसरा पुल पटना और आरा के बीच कोइलवर नामक स्थान पर है। [[कोइलवर पुल]] रेल-सह-सड़क पुल है। ऊपर रेलगाड़ियाँ और नीचे बस, मोटर और बैलगाड़ियाँ आदि चलती हैं। इसी नदी पर एक तीसरा पुल भी [[ग्रैंड ट्रंक रोड]] पर बनाया गया है। 1965 ई. में यह पुल तैयार हो गया था।<ref>{{cite web|url=http://www.jagran.com/bihar/bhojpur-12297341.html|title=कोईलवर पुल : बिहार के विकास की जीवनरेखा|access-date=18 अगस्त 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20170818133906/http://www.jagran.com/bihar/bhojpur-12297341.html|archive-date=18 अगस्त 2017|url-status=live}}</ref>