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'''कैमूर''' [[भारत]] प्रांत के [[बिहार]] राज्य का एक जिला है। यहां का प्राशासनिक मुख्यालय [[भभुआ]] है।<ref>{{Cite web|url=https://kaimur.nic.in/|title=Official Website of District Kaimur &#124; Official Website of District Kaimur|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190419025123/https://kaimur.nic.in/|archive-date=19 अप्रैल 2019|url-status=dead}}</ref> पर्वत और कैमूर वन्यजीव अभ्यारण यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। इसके अलावा, रामगढ़, दुरौली, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ, बिद्यानाथ और मुंडेश्‍वरी स्टोन मंदिर आदि भी यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल है।<ref>{{Cite web|url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=272|title=yatrasalah.com - Informationen zum Thema yatrasalah.|website=yatrasalah.com|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20141211131506/http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=272|archive-date=11 दिसंबर 2014|url-status=dead}}</ref> चट्टानों पर हुई चित्रकारी कैमूर की एक बड़ी खोज है। इन चित्रों का सम्बन्ध मैसोलिथिक काल से है। माना जाता है कि यह चित्रकारी 5000 ई.पू. से 2500 ई.पू. के समय की है। इनमें से कई चित्र जानवरों के बने हुए हैं। कैमूर जिला में मां मुंडेश्वरी का अदभुत मंदिर हैं जिसके चलते यहां काफी पर्यटक आते जाते रहते हैं मां मुंडेश्वरी का मंदिर विश्व का सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है मुंडेश्वरी मंदिर जिस गाँव में बसा है वह गाँव(रामगढ़) प्राकृतिक की गोद में होने की वजह से काफी मनमोहक लगता है यहां झील, झरने लोगों को आकर्षित करता है जिससे रामगढ़ पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र बना है गाँव को नक्सलियों का गढ़ भी कहते हैं, कहा जाता है कि इसी गाँव के पहाड़ी पर रहने वाले डकैतों ने बच्चों के जिद पर मोहनीया क्षेत्र का बरेज गाँव लूट लिया था| मुंडेश्वरी मंदिर जिस पहाड़ी पर स्थित है वो इसी गाँव के तत्कालीन ज़मींदार गोपाल नारायण सिंह की थी जो कि 1942 ईसवी में मंदिर को उन्होंने अंग्रेजों को दान में दे दिया था और मंदिर की देख रेख की जिम्मेदारी सौपी थी और कहा था मंदिर की विधिवत पूजा होनी चाहिए| यहां से 4km दूर पश्चिम में एक गाव है बजरदिहवा नाम का जो कि काफी मनमोहक लगता है यहां के लोग काफी मेहनती और ईमानदार हैं।।
 
== भूगोल ==