"सूरदास": अवतरणों में अंतर
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==सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ ==
*१. सूरदास के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के अनुग्रह से मनुष्य को सद्गति मिल सकती है। अटल भक्ति कर्मभेद, जातिभेद, ज्ञान, योग से श्रेष्ठ है।
*२. सूर ने वात्सल्य, श्रृंगार और शांत रसों को मुख्य रूप से अपनाया है। सूर ने
:: '''मैया कबहिं बढैगी चौटी?'''
:: '''किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।'''
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