"रासायनिक आबंध": अवतरणों में अंतर

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किसी [[अणु]] में दो या दो से अधिक [[परमाणु]] जिस [[बल]] के द्वारा एक दूसरे से बंधे होते हैं उसे '''रासायनिक आबन्ध''' (केमिकल बॉण्ड) कहते हैं। ये आबन्ध रासायनिक संयोग के बाद बनते हैं तथा परमाणु अपने से सबसे पास वाली [[अक्रिय गैस|निष्क्रिय गैस]] का [[इलेक्ट्रॉन विन्यास|इलेक्ट्रान विन्यास]] प्राप्त कर लेते हैं। <ref>{{Cite book|title=Chemistry|last=|first=|publisher=|year=|isbn=|location=|pages=|RAipur=}}</ref>
 
रासायनिक<ref>{{Cite बंध बनने पर ऊर्जा उत्सर्जित होती है। सबसे कमजोर बंध वंडरवॉल बंध हैbook|title=Chemistry|last=|first=|publisher=|year=|isbn=|location=|pages=|RAipur=}}</ref>
<ref>{{Cite book|title=Chemistry|last=|first=|publisher=|year=|isbn=|location=|pages=|RAipur=}}</ref>
H2o तरल है और h2s गैस है क्योंकि ऑक्सीजन सल्फर की तुलना में मजबूत हाइड्रोजन बंध बनाता है।
दूसरे शब्दों में, रासायनिक आबन्ध वह परिघटना है जिसमें दो या दो से अधिक अणु या परमाणु एक दूसरे से आकर्षित होकर और जुड़कर एक नया अणु या आयन बनाते हैं (एक विशेष प्रकार के बन्धन '[[धात्विक बन्धन]]' में यह प्रक्रिया भिन्न होती है)। यह प्रक्रिया सूक्ष्म स्तर पर होती है, लेकिन इसके परिणाम का स्थूल रूप में अवलोकन किया जा सकता है, क्योंकि यही प्रक्रिया अनेकानेक अणुओं और परमाणुओं के साथ होती है। गैस में ये नये अणु स्वतन्त्र रूप से मौजू़द रहते हैं, [[द्रव]] में अणु या आयन ढीले तौर पर जुडे रहते हैं और [[ठोस]] में ये एक [[आवर्ती]] (दुहराव वाले) ढाँचे में एक दूसरे से स्थिरता से जुड़े रहते हैं।