"मेंढक": अवतरणों में अंतर

छो robot Adding: an:Anura; अंगराग परिवर्तन
छोNo edit summary
पंक्ति 16:
 
}}
'''मेढक''' [[उभयचर]] वर्ग का जंतु है जो पानी तथा जमीन पर दोनों जगह रह सकता है। यह [[शीतरक्त]] का प्राणी]] है अर्थात् इसके शरीर का [[तापमान]] वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है। शीतकाल में यह ठंडक से बचने के लिए पोखर आदि की निचली सतह की मिट्टी लगभग दो फुट की गहराई तक खोदकर उसी में पड़ा रहता है। यहां तक कि कुछ खाता भी नहीं है। इस क्रिया को शीतनिद्रा या शीतनिष्क्रियता कहते हैं। इसी तरह की क्रिया गर्मी के दिनों में होती है। ग्रीष्मकाल की इस निष्क्रय अवस्था को ग्रीश्मनिष्क्रियता कहते हैं।
 
मेढक के चार पैर होते हैं। पिछले दो पैर अगले पैरों से बड़े होतें हैं। जिसके कारण यह लम्बी उछाल लेता है। अगले पैरों में चार-चार तथा पिछले पैरों में पाँच-पाँच झिल्लीदार उँगलिया होती हैं, जो इसे तैरने में सहायता करती हैं। मेढकों का आकार ९.८ मिलीमीटर (०.४ ईन्च) से लेकर ३० सेण्टीमीटर (१२ ईन्च) तक होता है। नर साधारणतः मादा से आकार में छोटे होते हैं। मेढकों की [[त्वचा]] में विषग्रन्थियाँ होती हैं, परन्तु ये शिकारी स्तनपायी, [[पक्षी]] तथा [[साँप|साँपों]] से इनकी सुरक्षा नहीं कर पाती हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मेंढक" से प्राप्त