"कीर्तन": अवतरणों में अंतर

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कीर्तन का है?
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{{स्रोतहीन}}
{{आधार}}{{multiple image|direction=vertical|width=250|footer=1960 के दशक में [[केन्या]] में पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ कीर्तन करते [[सिख]] श्रद्धालु।|image1=Kirtan1.jpg}}[[हिन्दूहिंदू धर्म]] में ईश्वर या देवता की भक्ति के लियेलिए उनके नामों को भांति-भांति रूप में उच्चारना '''कीर्तन''' कहलाता है। यह [[भक्ति]] के अनेक मार्गों में से एक है। अन्यकीर्तन हैंमें -भक्ति [[श्रवणजन नक्षत्र|श्रवण]],रात स्मरण,के अर्चनसमय आदि।एक साथ बैठकर भगवान का नाम एक साथ उच्चारते है। और सभी मिलकर भजन   का गान कारने हैं। कुछ लोग प्रभु की भक्ति में मदमस्त होकर नृत्य भी करते है। प्राय: ये कार्यक्रम पुरी रात चलते है। प्रभु की भक्ति में लिन सभी लोग कीर्तन के माध्यम से इश्वर को पाने का प्रयास करते है।
 
== इन्हें भी देखें ==