"राजीव गांधी": अवतरणों में अंतर
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== राजनीतिक जीवन ==
राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। परंतु 1980 में अपने छोटे भाई [[संजय गांधी]] की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा को सहयोग देने के लिए सन् 1981 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया। वो [[अमेठी]] से [[लोकसभा]] का चुनाव जीत कर [[सांसद]] बने और 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।<br
▲राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। परंतु 1980 में अपने छोटे भाई [[संजय गांधी]] की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा को सहयोग देने के लिए सन् 1981 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया। वो [[अमेठी]] से [[लोकसभा]] का चुनाव जीत कर [[सांसद]] बने और 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।<br /> राजीव गांधी भारत में सूचना क्रांति के जनक माने जाते हैं. देश के कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति का श्रेय उन्हें जाता है. स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने का काम उन्होंने किया । मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया. चुनावों का प्रचार करते हुए [[२१ मई]], [[१९९१]] को 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम' नामक आतंकवादी संगठन के [https://web.archive.org/web/20200614134808/https://en.wikipedia.org/wiki/Assassination_of_Rajiv_Gandhi आतंकवादियों ने राजीव गांधी की एक बम विस्फ़ोट में हत्या कर दी]।
== आरोप ==
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