"बेगम हज़रत महल": अवतरणों में अंतर
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== जीवनी ==
Begum Hazrat Mahal प्रथम जिसका नाम मुहम्मदी खानुम नाम से जानि जाती थी। बेगम हजरत महल का जन्म भारत में अवध राज्य के फैजाबाद में करीबन ई.स1820 हुआ था।
वे पेशे से गणिका थीं और जब उनके माता-पिता ने उन्हें बेचा तब वे शाही हरम में एक खावासिन के तौर पर आ गयीं। इसके बाद उन्हें शाही दलालों को बेच दिया गया जिसके बाद उन्हें परी की उपाधि दी गयी और वे ‘महक परी’ कहलाने लगीं। हजरत महल की उपाधि उनके बेटे बिरजिस कादर के जन्म से ही मिली हुई थी ।
[https://www.thebiohindi.com/begum-hazrat-mahal-biography-in-hindi/ बेगम हजरत महल] ने विनम्र स्वभाव और बहुत ही खूबसूरत थी।लेकिन उनका नेतृत्व, युद्ध कौशल और गुण भी अजीब मौजूद थे। बेगम हजरत महल एक बेहतरीन कुशल रणनीतिकार योद्धा थी।
बेगम हज़मती महल का नाम मुहम्मदी ख़ानुम था, और उनका जन्म [[फ़ैज़ाबाद]], [[अवध]] में हुआ था। वह पेशे से एक [[तवायफ़]] थी और अपने माता-पिता द्वारा बेचे जाने के बाद ''ख़्वासीन'' के रूप में शाही [[हरम]] में ले लिया गया था। तब उन्हें शाही आधिकारियों के पास बेचा गया था, और बाद में वे 'परि' के तौर पर पदोन्नत हुईं,<ref name="Michael Edwardes 1975 p. 1042">Michael Edwardes (1975) ''Red Year''. London: Sphere Books; p. 104</ref> और उन्हें 'महक परि' के नाम से जाना जाता था।<ref>{{cite web|url=http://www.royalark.net/India4/oudh15.htm|title=Oudh (Awadh) Genealogy|last=Buyers|first=Christopher|website=The Royal Ark|access-date=16 मई 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180322171021/http://www.royalark.net/India4/oudh15.htm|archive-date=22 मार्च 2018|url-status=dead}}</ref> अवध के नवाब की शाही रखैल के तौर पर स्वीकार की जाने पर उन्हें "बेगम" का ख़िताब हासिल हुआ,<ref>[[Christopher Hibbert]] (1980) ''The Great Mutiny'', Harmondsworth: Penguin; p. 371</ref> और उनके बेटे बिरजिस क़द्र के जन्म के बाद उन्हें 'हज़रत महल' का ख़िताब दिया गया था।
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