"प्रदीप (गीतकार)": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। उनका जन्म मध्य प्रदेश प्रांत के उज्जैन में बड़नगर नामक स्थान में हुआ। कवि प्रदीप की पहचान 1940 में रिलीज हुई फिल्म ''बंधन'' से बनी। हालांकि 1943 की स्वर्ण जयंती हिट फिल्म ''किस्मत'' के गीत "दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है" ने उन्हें देशभक्ति गीत के रचनाकारों में अमर कर दिया। गीत के अर्थ से क्रोधित तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। इससे बचने के लिए कवि प्रदीप को भूमिगत होना पड़ा.<ref name="diff" />.
kavi  pradeep ने मेरे वतन के लोगों” गीत सन 1962 में हमारे भारत देश और चीन के बिच हुवे युद्ध में शहीद हुए जवानों की श्रद्धांजलि में लिखा था और गाया भी था
 
[https://www.thebiohindi.com/kavi-pradeep-biography-in-hindi/ कवि प्रदीप] भारत के सर्वोच्च ऊर्जावान कवि और गीतकार थे कवि प्रदीप को आज पुरे भारत देश में उनके द्वारा लिखे गए गीत “मेरे वतन के लोगों” उसीकी वजह से पहचाने जाता हे
 
कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। उनका जन्म मध्य प्रदेश प्रांत के उज्जैन में बड़नगर नामक स्थान में हुआ। कवि प्रदीप की पहचान 1940 में रिलीज हुई फिल्म ''बंधन'' से बनी। हालांकि 1943 की स्वर्ण जयंती हिट फिल्म ''किस्मत'' के गीत "दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है" ने उन्हें देशभक्ति गीत के रचनाकारों में अमर कर दिया। गीत के अर्थ से क्रोधित तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। इससे बचने के लिए कवि प्रदीप को भूमिगत होना पड़ा.<ref name="diff" />.
 
पांच दशक के अपने पेशे में कवि प्रदीप ने 71 फिल्मों के लिए 1700 गीत लिखे.<ref name=ind>{{cite news|url=http://www.independent.co.uk/arts-entertainment/obituary-kavi-pradeep-1191518.html|title=श्रद्धांजली: कवि प्रदीप|accessdate=१४-मई-२०११|location=लंदन|work=दि इंडिपेंडेंट|first=कुलदीप सिंह|last=|date=१५ दिसम्बर १९९८|archive-url=https://web.archive.org/web/20140226214345/http://www.independent.co.uk/arts-entertainment/obituary-kavi-pradeep-1191518.html|archive-date=26 फ़रवरी 2014|url-status=live}}</ref> उनके देशभक्ति गीतों में, फिल्म ''[[बंधन (1940 फ़िल्म)|बंधन]]'' (1940) में "चल चल रे नौजवान", फिल्म ''[[जागृति (1954 फ़िल्म)|जागृति]]'' (1954) में "आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं", "दे दी हमें आजादी बिना खडग ढाल" और फिल्म ''[[जय संतोषी मां]]'' (1975) में "यहां वहां जहां तहां मत पूछो कहां-कहां" है। इस गीत को उन्होंने फिल्म के लिए स्वयं गाया भी था।<ref>{{Cite web |url=http://www.earthmusic.net/hindi-film-songs.php?searchtype=movie&movie=Jai+Santoshi+Ma |title=''जय संतोषी मां'' (१९७५) के गीत |access-date=16 मार्च 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110720031405/http://www.earthmusic.net/hindi-film-songs.php?searchtype=movie&movie=Jai+Santoshi+Ma |archive-date=20 जुलाई 2011 |url-status=dead }}</ref><ref>[http://www.indianexpress.com/res/web/pIe/ie/daily/19981211/34650694.html इंडियन एक्सप्रेस: प्रसिद्ध गीतकार व राष्ट्र कवि प्रदीप का निधन, ११ दिसम्बर १९९८]</ref>.