"रासायनिक आबंध": अवतरणों में अंतर
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दूसरे शब्दों में, रासायनिक आबन्ध वह परिघटना है जिसमें दो या दो से अधिक अणु या परमाणु एक दूसरे से आकर्षित होकर और जुड़कर एक नया अणु या आयन बनाते हैं (एक विशेष प्रकार के बन्धन '[[धात्विक बन्धन]]' में यह प्रक्रिया भिन्न होती है)। यह प्रक्रिया सूक्ष्म स्तर पर होती है, लेकिन इसके परिणाम का स्थूल रूप में अवलोकन किया जा सकता है, क्योंकि यही प्रक्रिया अनेकानेक अणुओं और परमाणुओं के साथ होती है। गैस में ये नये अणु स्वतन्त्र रूप से मौजू़द रहते हैं, [[द्रव]] में अणु या आयन ढीले तौर पर जुडे रहते हैं और [[ठोस]] में ये एक [[आवर्ती]] (दुहराव वाले) ढाँचे में एक दूसरे से स्थिरता से जुड़े रहते हैं।
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सामान्यतः रासायनिक आबन्ध को तीन भागों में विभाजित किया जाता है-
1. '''आयनिक बन्ध'''- यह बन्ध आयनों के मध्य आकर्षण से बनता है।
2. '''सहसंयोजक आबन्ध''' - इलेक्ट्रॉन के समान साझा से बनता है।
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