"एकादशी व्रत": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 151:
 
फलाहारी को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, कुलफा का साग इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को मिष्ठान्न, दक्षिणा देना चाहिए। क्रोध नहीं करते हुए मधुर वचन बोलना चाहिए।
==कथा==
ekadasi tap nahi upwas hai.
 
==उद्देश्य==
Line 167 ⟶ 165:
[[श्रेणी:धार्मिक त्यौहार]]
[[श्रेणी:एकादशी]]
[[श्रेणी:तिथि]]
 
 
 
 
 
 
 
एकादशी व्रत करने की विधि