"हेपेटाइटिस सी": अवतरणों में अंतर
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'''यकृतशोथ ग''' (हेपेटाइटिस सी) एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी (HCV) की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है.<ref name="Sherris">{{cite book | title = Sherris Medical Microbiology | edition = 4th | publisher = McGraw Hill | year = 2004 | pages=551–2 | isbn = 0838585299 | editor = Ryan KJ, Ray CG (editors) }}</ref> इसका संक्रमण अक्सर स्पर्शोन्मुख होता है लेकिन एक बार होने पर दीर्घकालिक संक्रमण तेजी से यकृत (फाइब्रोसिस) के नुकसान और अधिक क्षतिग्रस्तता (सिरोसिस) की ओर बढ़ सकता है जो आमतौर पर कई वर्षों के बाद प्रकट होता है. कुछ मामलों में सिरोसिस से पीड़ित रोगियों में से कुछ को यकृत कैंसर हो सकता है या सिरोसिस की अन्य जटिलताएं जैसे कि यकृत कैंसर<ref name="Sherris" /> और जान को जोखिम में डालने वाली एसोफेजेल वराइसेस तथा गैस्ट्रिक वराइसेस विकसित हो सकती हैं.
एक अनुमान के अनुसार दुनिया भर में 270-300 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हैं. हेपेटाइटिस सी पूरी तरह से मानव रोग है. इसे किसी अन्य जानवर से प्राप्त नहीं किया जा सकता है न ही उन्हें दिया जा सकता है. चिम्पांजियों को प्रयोगशाला में इस वायरस से संक्रमित किया जा सकता है लेकिन उनमें यह बीमारी नहीं पनपती है, जिसने प्रयोग को और मुश्किल बना दिया है. हेपेटाइटिस सी के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. हेपेटाइटिस सी की मौजूदगी (मूलतः "नॉन-ए (Non-A) नॉन-बी (Non-B) हेपेटाइटिस") 1970 के दशक में मान ली गयी थी और 1989 में आखिरकार सिद्ध कर दी गयी. यह हेपेटाइटिस के पांच वायरसों: ए (A), बी (B), सी (C), डी (D), ई (E) में से एक है.
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