"तारा (रामायण)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) InternetArchiveBot के अवतरण 4967490पर वापस ले जाया गया : Best version (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
Namhashivay (वार्ता | योगदान) वाल्मीकि रामायण के उदाहरण से टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
[[चित्र:Episode from Kishkinda Kanda.jpg|thumb|right|लक्ष्मण
'''तारा''' [[हिन्दू]] [[महाकाव्य]] [[रामायण]] में वानरराज [[वालि]] की पत्नी है। तारा की बुद्धिमता, प्रत्युत्पन्नमतित्वता, साहस तथा अपने पति के प्रति कर्तव्यनिष्ठा को सभी पौराणिक ग्रन्थों में सराहा गया है। अपने
<blockquote>
'''[[अहिल्या]] [[द्रौपदी]] [[कुन्ती]] तारा [[मन्दोदरी]] तथा।<br />
पंक्ति 6:
(अर्थात् अहिल्या, द्रौपदी, कुन्ती, तारा तथा मन्दोदरी, इन पाँच कन्याओं का प्रतिदिन स्मरण करने से सारे पाप धुल जाते हैं)<ref name="Bhattacharya"/><br />
हालांकि तारा को मुख्य भूमिका में [[वाल्मीकि]] रामायण में केवल तीन ही जगह दर्शाया गया है, लेकिन उसके चरित्र ने रामायण कथा को समझनेवालों के मन में एक अमिट छाप छोड़ दी है। जिन तीन जगह तारा का चरित्र मुख्य भूमिका में है, वह इस प्रकार हैं:-
* सुग्रीव-वालि के द्वितीय द्वंद्व से पहले तारा की
*
* सुग्रीव की
== जन्म ==
|