"तारा (रामायण)": अवतरणों में अंतर

वाल्मीकि रामायण के उदाहरण से
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
वाल्मीकि रामायण से
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
[[चित्र:Episode from Kishkinda Kanda.jpg|thumb|right|लक्ष्मण रूमातथा बाली पत्नी तारा (सबसे बायें) से मिलते हुये, उसका पतिदेवर [[सुग्रीव]] (बायें से दूसरा) तथा [[हनुमान]] (सबसे दायें) [[किष्किन्धा]] के [[महल]] में]]
'''तारा''' [[हिन्दू]] [[महाकाव्य]] [[रामायण]] में वानरराज [[वालि]] की पत्नी है। तारा की बुद्धिमता, प्रत्युत्पन्नमतित्वता, साहस तथा अपने पति के प्रति कर्तव्यनिष्ठा को सभी पौराणिक ग्रन्थों में सराहा गया है। अपने पति बाली की मृत्यु के बाद तारा ने जीवन ब्रह्मचर्य से बिताया था ऐसा बाल्मिकी रामायण में स्पष्ट वर्णन किया गया है। देव गुरु बृहस्पति की धर्म पत्नी तारा को हिन्दू धर्म ने [[पंचकन्या|पंचकन्याओं]] में से एक माना है।<ref name="Bhattacharya"/> पौराणिक ग्रन्थों में पंचकन्याओं के विषय में कहा गया है:-
<blockquote>