"संतरा (फल)": अवतरणों में अंतर

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'''संतरा''' एक [[फल]] है।u संतरे को हाथ से छीलने के बाद पेशीयोँ को अलग कर के चूसकर खाया जा सकता है। सँतरे का रस निकालकर पीया जा सकता है। संतरा ठंडा, तन और मन को प्रसन्नता देने वाला है। उपवास और सभी रोगों में नारंगी दी जा सकती है। जिनकी पाचन शक्ति खराब हो, उनको नारंगी का रस तीन गुने पानी में मिलाकर देना चाहिये। एक व्यक्ति को एक बार में एक या दो नारंगी लेना पर्याप्त है। एक व्यक्ति को जितने विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है, वह एक नारंगी प्रतिदिन खाते रहने से पूरी हो जाती है। खांसी-जुकाम होने पर नारंगी के रस का एक गिलास नित्य पीते रहने से लाभ होगा। स्वाद के लिये नमक या मिश्री डालकर पी सकते है।<ref>[http://sushmakaul.wordpress.com/2008/03/02/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%A3/ सुष्मा कॉल द्वारा]</ref>
 
== पौष्टिक गुण ==