"रक्त स्कंदन": अवतरणों में अंतर

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'''रक्त स्कंदन''' (coagulation, clotting) [[रक्त]] की वह प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा वह [[द्रव]] की अवस्था से अर्ध-[[ठोस]] (जेल) की अवस्था में चला जाता है और एक जमावड़ा या थक्का बना लेता है। यह [[रक्तस्तम्भन]] (hemostasis) के लिए आवश्यक है जिसमें घाव लगी हुई किसी रक्त-वाहिका से खून का बहाव रोका जाता है। स्कंदन के लिए रक्त के [[बिम्बाणु]] (प्लेटलेट) सक्रीय होकर एक-दूसरे से चिपकने लगते हैं और साथ-साथ फ़ाइब्रिन भी जमा होकरा जाता है। यदि स्कंदन ठीक से न हो तो घाव से रक्त बहता रहता है जो [[प्राणी]] के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है (या मृत्यु का कारण भी बन सकता है)। यदि यह स्कंदन किसी मुख्य रक्त-वाहिका में अकारण हो जाए तो रक्त-बहाव को बाधित करता है। यह विकृत प्रक्रिया थ्रोम्बोसिस (thrombosis) कहलाती है और यह भी हानिकारक या जानलेवा हो सकती है।<ref>David Lillicrap; Nigel Key; Michael Makris; Denise O'Shaughnessy (2009). Practical Hemostasis and Thrombosis. Wiley-Blackwell. pp. 1–5. ISBN 1-4051-8460-4.</ref><ref>Schmaier, Alvin H.; Lazarus, Hillard M. (2011). Concise guide to hematology. Chichester, West Sussex, UK: Wiley-Blackwell. p. 91. ISBN 978-1-4051-9666-6.</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==