"यज्ञोपवीत": अवतरणों में अंतर

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'''एतावद्दिन पर्यन्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया।<br />
'''जीर्णत्वात्वत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथा सुखम्।।'''<br /><br />'''
 
'''जनेऊ:'''<br />