"वेदांग": अवतरणों में अंतर

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{{स्रोतहीन|date=जनवरी 2019}}
{{हिन्दू धर्म सूचना मंजूषा}}
'''वेदाङ्ग''' [[हिन्दू धर्मग्रन्थ|हिन्दू धर्म ग्रन्थ]] हैं। वेदार्थ ज्ञान में सहायक शास्त्र को ही '''वेदांग''' कहा जाता है। शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छन्द और निरूक्त - ये छः वेदांग है।<ref>{{Cite book|title=The Religion of the Hindus|last=Morgan|first=Kenneth W.|publisher=Motilal Banarsidass Publ.|year=1953 |isbn=9788120803879 |page=269 |language=en}}</ref>
 
# '''[[शिक्षा (वेदांग)|शिक्षा]]''' - इसमें वेद मन्त्रों के उच्चारण करने की विधि बताई गई है। स्वर एवं वर्ण आदि के उच्चारण-प्रकार की जहाँ शिक्षा दी जाती हो, उसे शिक्षा कहाजाता है। इसका मुख्य उद्येश्य वेदमन्त्रों के अविकल यथास्थिति विशुद्ध उच्चारण किये जाने का है। शिक्षा का उद्भव और विकास वैदिक मन्त्रों के शुद्ध उच्चारण और उनके द्वारा उनकी रक्षा के उदेश्य से हुआ है।