"रानी चेन्नम्मा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→जीवनी: छोटा सा सुधार किया। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 17:
'''रानी चेनम्मा''' ([[कन्नड़ भाषा|कन्नड]]: ಕಿತ್ತೂರು ರಾಣಿ ಚೆನ್ನಮ್ಮ) ([[१७७८]] - [[१८२९]]) [[भारत]] के [[कर्नाटक]] के [[कित्तूर]] राज्य की रानी थीं। सन् १८२४ में (सन् १८५७ के भारत के स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम से भी ३३ वर्ष पूर्व) उन्होने [[हड़प नीति]] (डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स) के विरुद्ध अंग्रेजों से सशस्त्र संघर्ष किया था। संघर्ष में वह वीरगति को प्राप्त हुईं। भारत में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने वाले सबसे पहले शासकों में उनका नाम लिया जाता है।<ref>{{Cite web|url=http://pib.nic.in/newsite/printrelease.aspx?relid=148944|title=Rani Chennamma of Kitturu|website=pib.nic.in|access-date=2018-02-21|archive-url=https://web.archive.org/web/20170418163405/http://pib.nic.in/newsite/printrelease.aspx?relid=148944|archive-date=18 अप्रैल 2017|url-status=live}}</ref>
रानी चेनम्मा के साहस एवं उनकी वीरता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों खासकर कर्नाटक में उन्हें विशेष सम्मान हासिल है और उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष के पहले ही रानी चेनम्मा ने युद्ध में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। हालांकि उन्हें युद्ध में
== जीवनी ==
|