"मौर्य राजवंश": अवतरणों में अंतर

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; मौर्य शासकों की सूची
# [[चंद्रगुप्त मौर्य]] – 322-298 ईसा पूर्व (24 वर्ष)
# [[बिन्दुसार]] – 298-271 ईसा पूर्व (28 वर्ष)
# [[अशोक]] – 269-232 ईसा पूर्व (37 वर्ष)
# [[कुणाल]] – 232-228 ईसा पूर्व (4 वर्ष)
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३२२ ई. पू. में [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] ने अपने गुरू [[चाणक्य]] की सहायता से अन्तिम नंद शासक [[धनानन्द|घनानन्द]] की हत्या कर मौर्य वंश की नींव डाली थी।
 
[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] ने [[नन्द राजवंश|नन्दों]] को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। यह साम्राज्य गणतन्त्र व्यवस्था पर राजतन्त्र व्यवस्था की जीत थी। इस कार्य में [[अर्थशास्त्र]] नामक पुस्तक द्वारा चाणक्य ने सहयोग किया। विष्णुगुप्त व कौटिल्य उनके अन्य नाम हैं।
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'''अशोक''' (२७३ ई. पू. से २३६ ई. पू.)- राजगद्दी प्राप्त होने के बाद अशोक को अपनी आन्तरिक स्थिति सुदृढ़ करने में चार वर्ष लगे। इस कारण राज्यारोहण चार साल बाद 269 ई. पू. में हुआ था।
 
वह 273ई. पू. में सिंहासन पर बैठा। अभिलेखों में उसे देवानादेवानाप्रिय, प्रियदेवानांपियदस्सी एवं राजा आदि उपाधियों से सम्बोधित किया गया है। मास्की तथा गर्जरा के लेखों में उसका नाम अशोक तथा पुराणों में उसे अशोक वर्धन कहा गया है। सिंहली अनुश्रुतियों के अनुसार अशोक ने 99 भाइयों की हत्या करके राजसिंहासन प्राप्त किया था, लेकिन इस उत्तराधिकार के लिए कोई स्वतंत्र प्रमाण प्राप्त नहीं हुआ है।
 
दिव्यादान में अशोक की माता का नाम सुभद्रांगी है, जो चम्पा के एक ब्राह्मण की पुत्री थी।