"चंगेज़ ख़ान": अवतरणों में अंतर

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== प्रारंभिक जीवन ==
चंगेज़ खान का जन्म 1162 (अक्षय कुमार)११६२ के आसपास आधुनिक [[मंगोलिया]] के उत्तरी भाग में [[ओनोन नदी]] के निकट हुआ था। चंगेज़ खान की दांयी हथेली पर पैदाइशी खूनी धब्बा था।उसके तीन सगे भाई व एक सगी बहन थी और दो सौतेले भाई भी थे।उसका वास्तविक या प्रारंभिक नाम ''तेमुजिन'' (या ''तेमूचिन'') था। मंगोल भाषा में तिमुजिन का मतलब लौहकर्मी होता है।उसकी माता का नाम होयलन और पिता का नाम ''येसूजेई'' था जो कियात कबीले का मुखिया था। येसूजेई ने विरोधी कबीले की होयलन का अपहरण कर विवाह किया था।लेकिन कुछ दिनों के बाद ही येसूजेई की हत्या कर दी गई। उसके बाद तेमूचिन की माँ ने बालक तेमूजिन तथा उसके सौतले भाईयों बहनों का लालन पालन बहुत कठिनाई से किया। बारह वर्ष की आयु में तिमुजिन की शादी [[बोरते]] के साथ कर दी गयी।इसके बाद उसकी पत्नी [[बोरते]] का भी विवाह् के बाद ही अपहरण कर लिया था। अपनी पत्नी को छुडाने के लिए उसे लड़ाईया लड़नी पड़ीं थी। इन विकट परिस्थितियों में भी वो दोस्त बनाने में सक्षम रहा। नवयुवक बोघूरचू उसका प्रथम मित्र था और वो आजीवन उसका विश्वस्त मित्र बना रहा। उसका सगा भाई जमूका भी उसका एक विश्वसनीय साथी था। तेमुजिन ने अपने पिता के वृद्ध सगे भाई तुगरिल उर्फ़ ओंग खान के साथ पुराने रिश्तों की पुनर्स्थापना की।
 
== सैनिक जीवन ==
जमूका हँलांकि प्रारंभ में उसका मित्र था, बाद में वो शत्रु बन गया। ११८० तथा ११९० के दशकों में वो ओंग ख़ान का मित्र रहा और उसने इस मित्रता का लाभ जमूका जैसे प्रतिद्वंदियों को हराने के लिए किया। जमूका को हराने के बाद उसमें बहुत आत्मविश्वास आ गया और वो अन्य कबीलों के खिलाफ़ युद्ध के लिए निकल पड़ा। इनमें उसके पिता के हत्यारे शक्तिशाली ''तातार कैराईट'' और खुद ओंग खान शामिल थे। ओंग ख़ान के विरूद्ध उसने १२०३ में युद्ध छेड़ा। १२०६ इस्वी में तेमुजिन, जमूका और नेमन लोगों को निर्णायक रूप से परास्त करने के बाद [[स्तॅपी|स्टेपी]] क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली व्य़क्ति बन गया। उसके इस प्रभुत्व को देखते हुए मंगोल कबीलों के सरदारों की एक सभा (कुरिलताई) में मान्यता मिली और उसे '''चंगेज़ ख़ान''' (समुद्री खान) या ''सार्वभौम शासक'' की उपाधि देने के साथ महानायक घोषित किया गया।
 
AkshayKumarSingh371@gmail.com
कुरिलताई से मान्यता मिलने तक वो मंगोलों की एक सुसंगठित सेना तैयार कर चुका था। उसकी पहली इच्छा [[चीन]] पर विजय प्राप्त करने की थी। चीन उस समय तीन भागों में विभक्त था - उत्तर पश्चिमी प्रांत में [[तिब्बती भाषा|तिब्बती]] मूल के सी-लिया लोग, [[जुरचेन लोग|जरचेन लोगों]] का चीन राजवंश जो उस समय आधुनिक [[बीजिंग]] के उत्तर वाले क्षेत्र में शासन कर रहे थे तथा शुंग राजवंश जिसके अंतर्गत दक्षिणी चीन आता था। १२०९ में सी लिया लोग परास्त कर दिए गए। १२१३ में चीन की महान दीवीर का अतिक्रमण हो गया और १२१५ में पेकिंग नगर को लूट लिया गया। चिन राजवंश के खिलाफ़ १२३४ तक लड़ाईयाँ चली पर अपने सैन्य अभियान की प्रगति भर को देख चंगेज़ खान अपने अनुचरों की देखरेख में युद्ध को छोड़ वापस मातृभूमि को मंगोलिया लौट गया।