"लखा बंणजारा": अवतरणों में अंतर
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बाबा लख्खीशा बंणजारा ऊर्फ लाखा बंणजारा (बंणजारोका वाहेगुरु) सन 1580-1680 एशिया के सबसे वडे व्यापारी, कॉन्ट्राक्टर एव ट्रान्सपोर्टर थे पुरे एशियामे वुनके ही हुकुम से व्यापार चलता था सारे बणजारे वुनके आदेश से हि व्यापार करते थे और साल मे एकबार सबका बसेरा रायसिना हिल पे होता था. तब सारे बंणजारे सिख कहलाते थे और अपणे गुरु के प्रति श्रद्धा आस्था और प्रेम रखते थे. लाखा जी के आठ बेटे थे वुनमे से साथ सिख युद्ध मे शहिद हुये है लाखाजी के जमाई मानसिंग नायक गुरु गोबिंद जि के दिवान थे और वो भि शहिद हुये है.
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