"सैनिक कानून": अवतरणों में अंतर

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विशेष परिस्थितियों में जब किसी देश की न्याय व्यवस्था को [[सेना]] अपने हाथ में ले लेती है, तब जो नियम प्रभावी होते हैं उन्हें '''सैनिक कानून''' या मार्शल लॉ (Martial law) कहा जाता है। कभी-कभी युद्ध के समय अथवा किसी क्षेत्र को जीतने के बाद उस क्षेत्र में मार्शल लॉ लगा दिया जाता है। उदाहरण के लिये [[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय विश्व युद्ध]] के बाद [[जर्मनी]] और [[जापान]] में मार्शल लॉ लागू किया गया था। इसके अलावा प्राय: [[तख़्ता पलट|तख्ता पलट]] के बाद भी मार्शल लॉ लगा दिया जाता है। कभी-कभी बहुत बड़ी [[प्राकृतिक आपदा]] आने पर भी मार्शल लॉ लगा दिया जाता है (किन्तु अधिकांश देश इस स्थिति में [[आपातकाल (भारत)|आपातकाल]] (इमर्जेंसी) लागू करते हैं।)
 
मार्शल ला के अन्तर्गत [[कर्फ्यू]] (curfew) आदि विशेष कानून होते हैं। प्राय: मार्शल लॉ के अन्तर्गत न्याय देने के लिये सेना का एक ट्रिब्यूनल नियुक्त किया जाता है जिसे [[सैन्य न्यायालय|कोर्ट मार्शल]] कहा जाता है। इसके अन्तर्गत [[बन्दी प्रत्यक्षीकरण|बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका]] जैसे अधिकार निलम्बित किये जाते हैं। Act 34 के अंदर मार्सल लॉ कि घोषणा कि हैं। Act 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से अलग रखा गया है
 
== परिचय ==