"इंडियन रिपब्लिकन आर्मी": अवतरणों में अंतर
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मास्टर सूर्यसेन ने किया था इसका विचार आइरिस रिपब्लिकन आर्मी से लिया गया था टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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[[भारत]] की आजादी पाने की इच्छा इतनी प्रबल थी कि बहुत से लोगों ने ब्रिटिश फौज की नौकरी छोड़ दी और अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए '''इंडियन रिपब्लिकन आर्मी''' (आईआरए) का गठन कर लिया। 18 अप्रैल सन् 1930 को [[बंगाल]] के [[चट्टग्राम विभाग|चटगाँव]] में भारता की आजादी के दीवानों ने शौर्य का ऐसा प्रदर्शन किया कि वहाँ कुछ दिन के लिए ब्रिटिश हुकूमत का अंत ही हो गया। इंडियन रिपब्लिकन आर्मी
== चटगांव शस्त्रागार पर आक्रमण ==
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