"सज्जाद ज़हीर": अवतरणों में अंतर

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'''सज्जाद ज़हीर''' (5 नवंबर 1905 – 13 सतंबर 1973) उर्दू के एक प्रसिद्ध लेखक और मार्क्सवादी चिंतक थे। इन्होंने मुल्कराज आनंद और ज्योतिर्मय घोष के साथ मिलकर १९३५ में प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन (Progressive writer's association) की स्थापना इंग्लैंड में की। उर्दू की प्रसिद्ध लेखिका रज़िया सज्जाद ज़हीर इनकी पत्नी थीं।<ref>{{cite web|title=Progressive Writers' Association|url=http://www.open.ac.uk/researchprojects/makingbritain/content/progressive-writers-association|website=Making Britain Discover how South Asians shaped the nation, 1870-1950|accessdate=21 फरवरी 2017|language=en|archive-url=https://web.archive.org/web/20180318143600/http://www.open.ac.uk/researchprojects/makingbritain/content/progressive-writers-association|archive-date=18 मार्च 2018|url-status=dead}}</ref>
 
ये मियाँ साहब ,पहले तो progressive writers association यानि अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के रहनुमा बनकर उभरे ,और अपनी किताब अंगारे से इन्होने अपने लेखक होने का दावा पेश किया. बाद मे ये जनाब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा बने , मगर बाबू साहब की रूह मे तो इस्लाम बसता था , इसीलिए 1947 मे नये इस्लामी देश बने ,पाकिस्तान मे जाकर बस गये ,इनकी बेगम रजिया सज्जाद जहीर भी उर्दू की लेखिका थी.
 
1948 मे कलकत्ता के कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन मे भाग लेने कलकत्ता पहुँचे ,और वहाँ कुछ मुसलमानो ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से अलग होकर CPP यानि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पाकिस्तान का गठन कर लिया , जो बांग्लादेश मे तो फली - फूली मगर पाकिस्तान मे , सज्जाद जहीर, मशहूर शायर लेखक फैज अहमद फैज , शायर अहमद फराज , रजिया सज्जाद जहीर, और कुछ पाकिस्तानी जनरलो ने मिलकर रावलपिंडी षडयंत्र केस मे पाकिस्तान मे सैन्य तख्ता पलट का प्रयास किया और पकडे जाने पर जेल मे डाल दिये गये । सज्जाद जहीर, अहमद फराज और फैज अहमद फैज को लंबी सजाऐ सुनाई गई<ref>{{Cite web|url=http://deccanquest.com/Articles.aspx?ArticleID=290|title=सज्जाद ज़हीर : तरक्कीपसंद तहरीक के रूहे रवां|last=सज्जाद ज़हीर|first=तरक्कीपसंद तहरीक के रूहे रवां|date=12 सितंबर 2020|website=Deccan Quest|archive-url=http://deccanquest.com/Articles.aspx?ArticleID=290|archive-date=12 सितंबर 2020|dead-url=|access-date=}}</ref>
 
जेल से रिहा होने के बाद ये भारत आए और खुद को शरणार्थी घोषित करके कांग्रेस सरकार से भारतीय नागरिता मांगी ..और कांग्रेस सरकार ने इनको को भारतीय नागरिकता दे दिया ...