"रामकुमार वर्मा": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 3:
नाटककार के रूप में उन्होने मनोविज्ञान के अनेकानेक स्तरों पर मानव जीवन की विविध संवेदनाऒंको स्वर दिया तो [[छायावाद]] आदि कवियों की कतार में खडे़ होकर रहस्य और अध्यात्म की प्रष्ठभूमि में अपने काव्यात्मक संस्कारों को विकसित कर रहस्ययी जगत के स्वपनों में सह्रदय को प्रवेश कराया। हिंदी एकांकी के जनक कहे जानेवाले डा. वर्मा का जन्म [[मध्य प्रदेश]] के [[सागर]] जिले में तथा निधन [[उत्तर प्रदेश]] के [[इलाहाबाद]] जिले में हुआ। पिता की राजकीय व्रति के कारण वे विभिन्न नगरों में स्थानानतरित होते रहे उन्की प्रारंभिक शिक्शा मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों में हुई इस प्रकार विभिन्न स्थानों पर घूमते हुए उनकी अनुभव संपदा बढती रही।
 
शौक्शिक जीवन में ही उनके भीतर साहित्यिक और रंगमंचीय अभिरुचि पैदा हो गई थी। साथ ही तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक और मानवीय सरोकारों ने भी अपने व्यकतित्व को गढने में सहयोग दिया।मात्र १६ वर्ष की आयु में महात्मा गांधी के राष्टवयापी असहयोग आंदोलन का उनपर इतना अधिक प्रभाव पडा कि उनहोंने शैकशिक प्रागणसे बाहर निकलकर खादी पीठ पर लादकर बेची तथा प्रभात फेरी में राष्ट्रीय चेतना से संपन्न स्वरचित गीत गाए और ओजस्वी भाषण दिए।
==बाहरी लिंक==
*[http://www.hindikunj.com रामकुमार वर्मा (हिंदीकुंज)]