"ऊदल": अवतरणों में अंतर

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो राव (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
No edit summary
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
 
{{pp-protected|small=yes}}बनाफर अहीर योद्धा[[File:MAHOBA, U.P. - allha.preview.jpg|thumb|महोबा के वीर अहीर योद्धा ऊदल की प्रतिमा का चित्र]]
'''ऊदल''' [[बुन्देलखण्ड]] (महोबा) के एक वीर राजपूतबनाफर अहीर योद्धा थे जिनकी वीरता की कहानी आज भी उत्तर-भारत के गाँव-गाँव में गायी जाती है।<ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=LHJZDwAAQBAJ&dq=banaphar+Rajput&source=gbs_navlinks_s|title=Alha Udal ki Veergatha|last=Patang|first=Acharya Mayaram |date=2018|publisher=Prabhat Prakashan.|language=hindi}}</ref> [[जगनिक]] ने [[आल्ह-खण्ड]] नामक एक काव्य रचा था उसमेंजिसमे इन वीरोंवीर अहीरों की गाथा वर्णित है।<ref>{{Cite book |last=मिश्र |first=पं० ललिता प्रसाद|title=आल्हखण्ड |language= |edition=15 |year=[[2007]] |publisher=तेजकुमार बुक डिपो (प्रा०) लि० |location=पोस्ट बॉक्स 85 [[लखनऊ]] 226001 |page=1-11 (महोबे का इतिहास)}}</ref>
 
[[कालिंजर]] तथा [[महोबा]] के चन्द्रवंशी शासक [[परमर्दिदेव]] थे। [[आल्ह-खण्ड]] के रचयिता जगनिक इन्हीं के दरबारी कवि थे। इन्हें राजा [[परमाल]] भी कहा जाता है। आल्हा लोकगाथा के प्रसिद्ध वीर नायक [[आल्हा]] और ऊदल इन्हीं के दरबार के दो वीर सामन्त थे जिन्होंने बहादुरी के साथ बावन लड़ाइयों में भाग लिया था। ऊदल आल्हा का सगा छोटा भाई था परन्तु आल्हा से अधिक बहादुर था। बावन लड़ाइयों में से तेइस का नेतृत्व अकेले ऊदल ने ही किया था। महोबा में ऊदल की प्रतिमा स्थापित है जिसका चित्र यहाँ दिया जा रहा है।<ref>{{Cite book|url=https://books.google.co.in/books?id=LHJZDwAAQBAJ&dq=banaphar+Rajput&source=gbs_navlinks_s|title=Alha Udal ki Veergatha|last=Patang|first=Acharya Mayaram |date=2018|publisher=Prabhat Prakashan.|language=hindi}}</ref>
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ऊदल" से प्राप्त