"क़ुतुब मीनार": अवतरणों में अंतर

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| name = विष्णुकुतुब स्तंभमीनार <!-- Name as per Archaeological Survey of India, भारतीययुनेस्को World Heritage Centre and Plaque on site -->
| caption = [[दिल्ली]], भारत में विष्णु स्तंभकुतुब मीनार
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[[चित्र:Qminar.jpg|right|thumb|200px|विष्णु स्तंभकुतुब परिसर भारतीययुनेस्को [[विश्व धरोहर स्थल|विश्व धरोहर]] घोषित है।]]
 
[[चित्र:Lord ganesha sculpture in qutub.jpg|अंगूठाकार]]
'''विष्णु स्तंभकुतुब मीनार''' [[भारत]] में दक्षिण [[दिल्ली]] शहर के [[महरौली]] भाग में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। ऊँचाई {{Unit metre | 72.5 | 2 | lk=on }} और व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर {{Unit metre | 2.75 | 2 | lk=on }} हो जाता है। इसमें ३७९ सीढियाँ हैं।<ref>{{cite web|url= http://www.pressnote.in/travel/visitplace.php?id=29269|title= कुतुब मीनार परिसर|access-date= [[२३ मार्च]] [[२००९]]|format= पीएचपी|publisher= प्रेसनोट.इन|language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20090402155939/http://www.pressnote.in/travel/visitplace.php?id=29269|archive-date= 2 अप्रैल 2009|url-status= dead}}</ref> मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं, जिसेजिनमें मुस्लिमसे आक्रांताओंअनेक नेइसके 1192निर्माण काल बहुतसन ही1192 ज्यादा छतीके पहुंचाई।हैं। यह परिसर [[भारतीययुनेस्को]] द्वारा [[विश्व धरोहर स्थल|विश्व धरोहर]] के रूप में स्वीकृत किया गया है।
 
== इतिहास ==
{{tall image|Delhi_Qutub_01.JPG|200|400|{{Unit metre | 72.5 | 2 | lk=on }} मीटर चौडी़ कुतुब मीनार, विश्व की सर्वोच्च ईंट निर्मित [[अट्टालिका]] (मीनार) है।}}
[[चित्र:Translation of iron pillar inscription.jpg|पाठ=क़ुतुब परिसर में स्थित लोह स्तम्भ का अनुवाद हिंदी और उर्दू में जिसके अनुसार एक स्तम्भ भगवान् विष्णु की स्मृति में विष्णु चरण पद पहाड़ी पर बनवाया गया था|अंगूठाकार|क़ुतुब परिसर में स्थित लोह स्तम्भ का अनुवाद हिंदी और उर्दू में जिसके अनुसार एक स्तम्भ भगवान् विष्णु की स्मृति में विष्णु चरण पद पहाड़ी पर बनवाया गया था ]]
[[अफ़गानिस्तान]] में स्थित, [[जाम की मीनार]] से प्रेरित एवं उससे आगे निकलने की इच्छा से, [[दिल्ली]] के [[दिल्ली सल्तनत|प्रथम मुस्लिम शासक]] [[कुतुबुद्दीन ऐबक]], ने इस्लाम फैलाने की सनक के कारण वेदशाला को तोड़कर कुतुब मीनार का पुनर्निर्माण सन [[११९३]] में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी [[इल्तुतमिश]] ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और सन [[१३६८]] में [[फीरोजशाह तुगलक]] ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई । मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिस पर [[कुरान]] की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है जो कि फूल बेलों को तोड़कर अरबी शब्द बनाए गए हैं कुरान की आयतें नहीं है। कुतुब मीनार पुरातन दिल्ली शहर, ढिल्लिका के प्राचीन किले [[लालकोट]] के अवशेषों पर बनी है। ढिल्लिका अंतिम हिंदू राजाओं तोमर और चौहान की राजधानी थी।
कुतुबमीनार का वास्तविक नाम विष्णु स्तंभ है जिसे कुतुबदीन ने नहीं बल्कि सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक और खगोलशास्त्री वराहमिहिर ने बनवाया था।
 
[[अफ़गानिस्तान]] में स्थित, [[जाम की मीनार]] से प्रेरित एवं उससे आगे निकलने की इच्छा से, [[दिल्ली]] के [[दिल्ली सल्तनत|प्रथम मुस्लिम शासक]] [[कुतुबुद्दीन ऐबक]], ने इस्लाम फैलाने की सनक के कारण वेदशाला को तोड़कर कुतुब मीनार का पुनर्निर्माण सन [[११९३]] में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी [[इल्तुतमिश]] ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और सन [[१३६८]] में [[फीरोजशाह तुगलक]] ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई । मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिस पर [[कुरान]] की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है जो कि फूल बेलों को तोड़कर अरबी शब्द बनाए गए हैं कुरान की आयतें नहीं है। कुतुब मीनार पुरातन दिल्ली शहर, ढिल्लिका के प्राचीन किले [[लालकोट]] के अवशेषों पर बनी है। ढिल्लिका अंतिम हिंदू राजाओं तोमर और चौहान की राजधानी थी।
कुतुबमीनार का वास्तविक नाम विष्णु स्तंभ है जिसे कुतुबदीन ने नहीं बल्कि सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक और खगोलशास्त्री वराहमिहिर ने बनवाया था। कुतुब मीनार के पास जो बस्ती है उसे महरौली कहा जाता है। यह एक संस्कृ‍त शब्द है जिसे मिहिर-अवेली कहा जाता है। इस कस्बे के बारे में कहा जा सकता है कि यहाँ पर विख्यात खगोलज्ञ मिहिर (जो कि विक्रमादित्य के दरबार में थे) रहा करते थे। उनके साथ उनके सहायक, गणितज्ञ और तकनीकविद भी रहते थे। वे लोग इस कथित कुतुब मीनार का खगोलीय गणना, अध्ययन के लिए प्रयोग करते थे। दो सीटों वाले हवाई जहाज से देखने पर यह मीनार 24 पंखुड़ियों वाले कमल का फूल दिखाई देता है। इसकी एक-एक पंखुड़ी एक होरा या 24 घंटों वाले डायल जैसी दिखती है। चौबीस पंखुड़ियों वाले कमल के फूल की इमारत पूरी तरह से एक‍ हिंदू विचार है। इसे पश्चिम एशिया के किसी भी सूखे हिस्से से नहीं जोड़ा जा सकता है जोकि वहाँ पैदा ही नहीं होता है। इस टॉवर के चारों ओर हिंदू राशि चक्र को समर्पित 27 नक्षत्रों या तारामंडलों के लिए मंडप या गुंबजदार इमारतें थीं। कुतुबुद्‍दीन के एक विवरण छोड़ा है जिसमें उसने लिखा कि उसने इन सभी मंडपों या गुंबजदार इमारतों को नष्ट कर दिया था, लेकिन उसने यह नहीं लिखा कि उसने कोई मीनार बनवाई। मुस्लिम हमलावर हिंदू इमारतों की स्टोन-ड्रेसिंग या पत्‍थरों के आवरण को निकाल लेते थे और मूर्ति का चेहरा या सामने का हिस्सा बदलकर इसे अरबी में लिखा अगला हिस्सा बना देते थे। बहुत सारे परिसरों के स्तंभों और दीवारों पर संस्कृत में लिखे विवरणों को अभी भी पढ़ा जा सकता है।इस मीनार का प्रवेश द्वार उत्तर दिशा में है, पश्चिम में नहीं, जबकि इस्लामी धर्मशास्त्र और परंपरा में पश्चिम का महत्व है।यह खगोलीय प्रेक्षण टॉवर था। पास में ही जंग न लगने वाले लोहे के खंभे पर ब्राह्मी लिपि में संस्कृत में लिखा है कि विष्णु का यह स्तंभ विष्णुपाद गिरि नामक पहाड़ी पर बना था। इस विवरण से साफ होता है कि मीनार के मध्य स्थित मंदिर में लेटे हुए विष्णु की मूर्ति को मोहम्मद गोरी और उसके गुलाम कुतुबुद्दीन ने नष्ट कर दिया था। खंभे को एक हिंदू राजा की पूर्व और पश्चिम में जीतों के सम्मानस्वरूप बनाया गया था। स्तंभ में सात तल थे जोकि एक सप्ताह को दर्शाते थे, लेकिन अब स्तंभ में केवल पाँच तल हैं। छठवें को गिरा दिया गया था और समीप के मैदान पर फिर से खड़ा कर दिया गया था। सातवें तल पर वास्तव में चार मुख वाले ब्रह्मा की मूर्ति है जो कि संसार का निर्माण करने से पहले अपने हाथों में वेदों को लिए थे।ब्रह्मा की मूर्ति के ऊपर एक सफेद संगमरमर की छतरी या छत्र था जिसमें सोने के घंटे की आकृति खुदी हुई थी। इस टॉवर के शीर्ष तीन तलों को मूर्तिभंजक मुस्लिमों ने बर्बाद कर दिया जिन्हें ब्रह्मा की मूर्ति से घृणा थी। मुस्लिम हमलावरों ने नीचे के तल पर शैय्या पर आराम करते विष्णु की मूर्ति को भी नष्ट कर दिया।
लौह स्तंभ को गरुड़ ध्वज या गरुड़ स्तंभ कहा जाता था। यह विष्णु के मंदिर का प्रहरी स्तंभ समझा जाता था। एक दिशा में 27 नक्षत्रों के म‍ंदिरों का अंडाकार घिरा हुआ भाग था।टॉवर का घेरा ठीक ठीक तरीके से 24 मोड़ देने से बना है और इसमें क्रमश: मोड़, वृत की आकृति और त्रिकोण की आकृतियां बारी-बारी से बदलती हैं। इससे यह पता चलता है कि 24 के अंक का सामाजिक महत्व था और परिसर में इसे प्रमुखता दी गई थी। इसमें प्रकाश आने के लिए 27 झिरी या छिद्र हैं। यदि इस बात को 27 नक्षत्र मंडपों के साथ विचार किया जाए तो इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता है कि टॉवर खगोलीय प्रेक्षण स्तंभ था।<ref>{{cite web|url= http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/kidsworld/gk/0902/16/1090216124_1.htm|title= कुतुब मीनार का निर्माण किसने पूरा करवाया?|access-date= [[२३ मार्च]] [[२००९]]|format= एचटीएमएल|publisher= वेब दुनिया|language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20090403024037/http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/kidsworld/gk/0902/16/1090216124_1.htm|archive-date= 3 अप्रैल 2009|url-status= dead}}</ref>
 
== चित्रदीर्घा ==
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चित्रImage:Qutub Minar atand Delhiits Monuments.jpg
Image:Qutub Minar at Delhi.jpg|क़ुतुब मीनार, भारत की सबसे ऊँची मीनार |
चित्रImage:Qutub minar.JPG|समीपस्थ भवन समूह्
चित्रImage:Qutub Minar (1).jpg|कुतुब मीनार मस्जिद के संग
चित्रImage:Minar-height.jpg|मुख्य द्वार में से दृश्य
चित्रImage:Qutb Complex Iron Pillar SunsetQutb_Complex_Iron_Pillar_Sunset.JPG|डूबते सूर्य में अशोक स्तंभ
चित्रImage:Qutb Complex Alai MinarQutb_Complex_Alai_Minar.JPG|अला-ई-मीनार
चित्रImage:Qutb Complex PillarsQutb_Complex_Pillars.JPG|[[हिन्दू]]जैन मन्दिरों के टूटे अवशेषों से बनी मस्जिद
चित्रImage:Qutb Minar Minaret Delhi IndiaQutb_Minar_Minaret_Delhi_India.jpg|कुतुब मीनार पर की गयी महीन नक्काशी
चित्र:Lord ganesha idol in qutub minar complex.jpg|क़ुतुब मीनार में भगवान् गणेश की मूर्ति
Image:Qutub Jain Statue Pic.JPG|टूटे मन्दिरों से महावीर जी की मूर्ति
चित्र:Lord ganesha sculpture in qutub.jpg|भगवान् गणेश की मूर्ति जो मंदिरो के अवशेष से प्राप्त हुई थी
चित्र:Hindu idols in qutub minar.jpg|हिन्दू देवी देवताओ की तस्वीरें
चित्र:Lord-krishna-with-cows.jpg|क़ुव्वत इस्लाम मस्जिद में भगवान् कृष्ण की तस्वीर, ऊपरी भाग में एक गाय अपने बछड़े को दूध पिलाते हुए
चित्र:Shiv-family.jpg|क़ुव्वत इस्लाम मस्जिद में दीवार पर उकेरे गए भगवान् शिव व परिवार
चित्र:Hindu-temple-ruins.jpg|हिन्दू मंदिरो के चिन्ह
चित्र:Hindu temples in qutub minar.jpg|हिन्दू मंदिरो के अवशेष
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