"प्राणायाम": अवतरणों में अंतर

प्राणायाम ने कुम्भक व बन्धों का महत्व।
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जलनेति से रुकी हुई नासिका का अवरोध दूर करें।
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*ओम् का जाप का उपचारण करने से हमारे पूरे शरीर मे (सिर से ले कर पैर के अंगूठे तक ) एक वाइब्रेशन होती है जो हमारे अंदर की नगेस्टिव एनर्जी को बाहर निकल के मन और आत्मा को शुद्ध करती है।
*कुम्भक का प्रयोग अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार करें।अस्थमा पीङित व्यक्ति बिना कुम्भक प्राणायाम करें।
*यदि नासिका अवरुद्ध है तो अवरोध दूर करने के लिए '''[https://indian-yoga-the-real-thoughts.blogspot.com/2020/12/jalneti-yoga-kriya-kya-hailabh-aur.html जलनेति]''' करे।क्योकि रुकी हुई नासिका से प्राणायाम के लाभ नही मिलेगे।
 
== भस्त्रिका प्राणायाम ==