"देवदासी": अवतरणों में अंतर

देवदासी प्रथा का सच अजेष्ठ त्रिपाठी 18 NOV 2017 कुछ प्रथाओं को लेकर जनमानस के मन मे ऐसा मतिभ्रम उत्पन्न कर दिया गया है कि, विधर्मियो के सवाल पे वो जानकारी न होने पे चुप्पी साध जाते हैं, और हिंदुत्व को लेकर उनके मन मे एक कुंठा व्याप्त हो जाती है ऐसी ही एक प्रथा है – देवदासी प्रथा. माना जाता है कि ये प्रथा छठी सदी में शुरू हुई थी. इस प्रथा के तहत कुंवारी लड़कियों को धर्म के नाम पर ईश्वर के साथ ब्याह कराकर मंदिरों को दान कर दिया जाता था. माता-पिता अपनी बेटी का विवाह देवता या मंदिर के साथ कर देत
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देवदासी प्रथा का सच
ललितविस्तर और अट्टकथा के अनुसार बुद्ध ने अपनी सेवा में २०००० कन्यायें दान में ली थीं । अतः देवदासी प्रथा बुद्ध ने गढा था ।
ऐसा माना जाता रहा है कि ये प्रथा व्यभिचार का कारण बन गयी, और मंदिर के पुजारी इन देवदासियों का शोषण करते थे, और सिर्फ वही नहीं अन्य लोग जो विशेष अतिथि होते थे या मंदिर से जुड़े होते थे वो भी इन देवदासियों का शारीरिक शोषण करते थे.
 
लेकिन ऐसा नही है, कैसे और क्यों आइये आपको अवगत कराते हैं —