"सोमेश्वर चौहान": अवतरणों में अंतर

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राजस्थान रायल
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'''गुर्जरेश्वर सोमेश्वर देव चौहान''' [[अजमेर]] के स्वामी [[अर्णोराज चौहान]] का कनिष्ठ पुत्र<ref name="Chandramouli 2017 p. 15">{{cite book | last=Chandramouli | first=A. | title=Prithviraj Chauhan: The Emperor of Hearts | publisher=Penguin Random House India Private Limited | year=२०१७ | isbn=978-93-87326-35-4 | url=http://books.google.co.in/books?id=rLU8DwAAQBAJ&pg=PT15 | language=अंग्रेजी भाषा | accessdate=२४ मार्च २०२० | page=१५ }}</ref> थें । वह राजपूत[[गुर्जर|गुुुर्जर]] सम्राट पृथ्वीराज चौहान के पिता थे | अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने जीवन का कुछ भाग चौलुक्य राजा [[कुमारपाल]] के दरबार में व्यतीत किया। उस नाना [[जयसिंह सिद्धराज|सिद्धराज जयसिंह]] के समय गुजरात में ही उसका जन्म हुआ था और वहीं पर राजकुमारी कर्पूरीदेवी से उसका विवाह हुआ। जब कुमारपाल ने कोंकण देश के स्वामी मल्लिकार्जुन पर आक्रमण किया, तो सोमेश्वर ने शत्रु के हाथी पर कूदकर उसका वध किया था ।<mapframe text="" width="400" height="400" zoom="6" longitude="75.50" latitude="26.30">
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सोमेश्वर का राज्य प्राय: सुख और शांति का था। उसने अर्णोराज के नाम से एक नगर बसाया और अनेक मंदिर बनवाए जिनमें से एक भगवान्‌ त्रिपुरुष देव का और दूसरा वैद्यनाथ देव का था। ब्राह्मण और अब्राह्मणों सभी संप्रदायों को उसकी संरक्षा प्राप्त थी। सोमेश्वरीय द्रम्मों का प्रचलन भी इसके राज्य के ऐश्वर्य को द्योतित करता है।
 
सोमेश्वर गुर्जर ने प्रतापलंकेश्वर की पदवी धारण की। पृथ्वीराजरासो के अनुसार उसका विवाह दिल्ली के तंवर राजा अनंगपाल की पुत्री कमला देवी से हुआ<ref name="Mehara 1992 p. ">{{cite book | last=Mehara | first=J. | title=Rājasthāna ke itihāsa kā sarvekshaṇa | publisher=Rājasthānī Granthāgāra | year=१९९२ | url=http://books.google.co.in/books?id=xg4bAAAAIAAJ | language=hi| accessdate=२४ मार्च २०२० | page=}}</ref> और पृथ्वीराज इसका पुत्र था।<ref name="Jośī 1994 p. ">{{cite book | last=Jośī | first=K. | title=Śrīpāda Śāstrī Hasūrakara, vyakti evaṃ abhivyakti | publisher=Pratibhā Prakāśana | year=१९९४ | url=http://books.google.co.in/books?id=UuJjAAAAMAAJ | language=hi | accessdate=२४ मार्च २०२० | page=}}</ref> इसी काव्य में गुजरात के राजा भीम के हाथों उसकी मृत्यु का उल्लेख है। ये दोनों बातें असत्य हैं। पृथ्वीराज कर्पूरीदेवी के पुत्र थेें और सोमेश्वर की मृत्यु के समय भीम गुजरात का राजा नहीं बना था। किंतु गुजरात से उसकी कुछ अनबन अवश्य हुई थी। उसकी मृत्यु के समय [[पृथ्वीराज चौहान]] केवल दस साल केे थें ।
{{sfn|Dasharatha Sharma|1959|pp=69-70}}