"शेखावाटी": अवतरणों में अंतर
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'''शेखावाटी''' [[राजस्थान|उत्तर-पूर्वी राजस्थान]] का एक अर्ध-शुष्क ऐतिहासिक क्षेत्र है। [[राजस्थान]] के वर्तमान [[सीकर]] और [[झुन्झुनू|झुंझुनू]] जिले शेखावाटी के नाम से जाने जाते हैं इस क्षेत्र पर आजादी से पहले [[शेखावत]] क्षत्रियों का [[शासन]] होने के कारण इस क्षेत्र का नाम शेखावाटी प्रचलन में आया। देशी राज्यों के [[भारतीय]] संघ में विलय से पूर्व मनोहरपुर-शाहपुरा,[गोङियावास] [[खण्डेला|खंडेला]], [[सीकर]],
=== भूगोल ===
राजस्थान का मरुभूमि वाला पुर्वोतरी एवं पश्चिमोतरी विशाल भूभाग वैदिक सभ्यता के उदय का उषा काल माना जाता है। हजारों वर्ष पूर्व भू-गर्भ में विलुप्त वैदिक नदी सरस्वती यहीं पर प्रवाह मान थी, जिसके तटों पर तपस्यालीन आर्य ऋषियों ने वेदों के सूत्रों की सरंचना की थी। सिन्धुघाटी सभ्यता के अवशेषों एवं विभिन्न संस्कृतियों के परस्पर मिलन, विकास उत्थान और पतन की रोचक एवं गौरव गाथाओं को अपने विशाल आँचल में छिपाए यह मरुभूमि भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण अध्याय की श्र्ष्ठा और द्रष्टा रही है। जनपदीय गणराज्यों की जन्म स्थली और क्रीडा स्थली बने रहने का श्रेय इसी मरुभूमि को रहा है। इस मरुभूमि ने ऐसे विशिष्ठ पुरुषों को जन्म दिया है, जिन्होंने अपने कार्यकलापों से भारतीय इतिहास को प्रभावित किया है।
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वीर भूमि शेखावाटी प्रदेश की स्थापना
ऐतिहासिक द्रष्टि से इसमें अमरसरवाटी, झुंझुनू वाटी, उदयपुर वाटी, खंडेला वाटी, नरहड़ वाटी, सिंघाना वाटी, सीकर वाटी, फतेहपुर वाटी, आदि कई भाग परिणित होते रहे हैं। इनका सामूहिक नाम ही शेखावाटी प्रसिद्ध हुआ। जब शेखावाटी का अपना अलग राजनैतिक अस्तित्व था तब उसकी सीमाए इस प्रकार थी - उत्तर पश्चिम में भूतपूर्व बीकानेर राज्य, उत्तरपूर्व में लोहारू और झज्जर, दक्षिण पूर्व में तंवरावाटी और भूतपूर्व [[जयपुर]] राज्य तथा दक्षिण पश्चिम में भूतपूर्व जोधपुर राज्य। परन्तु इसकी भौगोलिक सीमाएं [[सीकर]] और झुंझुनू दो जिलों तक ही सिमित मानी जाती रही है। वर्तमान शासन व्यवस्था में भी इन दो जिलो को ही शेखावाटी माना गया है। देशी राज्यों के भारतीय संघ में विलय से पूर्व मनोहरपुर-शाहपुरा, लामिया , खंडेला, सीकर, खेतडी, बिसाऊ, कांसरडा सुरजगढ, नवलगढ़, मंडावा, मुकन्दगढ़, दांता, खुड, खाचरियाबास, अलसीसर, मलसीसर,[[लक्ष्मणगढ]] आदि बड़े-बड़े प्रभावशाली संस्थान शेखा जी के वंशधरों के अधिकार में थे।
<ref>डॉ॰उदयवीर शर्मा, इतिहासकार</ref>
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