"पुनर्जन्म": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 49:
"बुद्धिर्मनश्च निर्णीते यथैवात्मा तथैव ते । येषां चैषां मतिस्तेषां योनिास्ति चतुर्विधा" । । ११
प्रकारांतर से समाधान- बुद्धि और मन के संबंध में यह निर्णय हो चुका है कि यह दोनों आत्मा की भांति है। तथा एक है जिनकी (माता-पिता संतान की उत्पत्ति में कारण होता है। ) ऐसी बुद्धि (धारणा) है उनके मत में चार प्रकार की योनियों ,(जरायु अंडज स्वेद्ज उद्भिज्ज) नहीं हो सकती इसलिए केवल माता-पिता को संतान की उत्पत्ति में कारण मानना उचित नहीं है।
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